कोयंबटूर: उम्र सिर्फ़ एक संख्या है, ये साबित कर दिखाया है पोलाची की 82 वर्षीय किट्टामल ने. अपने पोतों से प्रेरित होकर, किट्टामल ने पहली बार पॉवरलिफ्टिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और 50 किलो वजन उठाकर सबको हैरान कर दिया. पिछले हफ्ते कुनियामुथुर में आयोजित 'स्ट्रॉन्ग मैन ऑफ साउथ इंडिया' प्रतियोगिता में महिलाओं की ओपन श्रेणी में उन्होंने पांचवां स्थान हासिल किया. इस प्रतियोगिता में शामिल 17 महिलाओं में किट्टामल सबसे उम्रदराज थीं, बाकी सभी प्रतिभागी 30 साल से कम उम्र की थीं.
पोतों से मिली प्रेरणा
किट्टामल अपने पति वेंकटरमन के साथ रहती हैं, जो स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त हैं. उनके 16 वर्षीय पोते एस रोहित पिछले छह महीनों से घर पर ही पॉवरलिफ्टिंग का अभ्यास कर रहे हैं. किट्टामल के दूसरे पोते एस ऋतिक (23 वर्ष) ने फरवरी में गुजरात में इंडियन पॉवरलिफ्टिंग फेडरेशन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था. ऋतिक तिरुपुर जिले में अपने माता-पिता के साथ रहते हैं. एक महीने पहले जब किट्टामल उनसे मिलने गईं, तो ऋतिक अपनी दादी को उस जिम में ले गए जहाँ वह नियमित रूप से प्रशिक्षण लेते हैं.
मेहनत और लगन से मिली सफलता
किट्टामल कहती हैं, "मैं नियमित रूप से 25 किलो के चावल के बैग उठाने और कम से कम 25 मटके पानी भरने की आदी हूँ. मैं बहुत सक्रिय हूँ और खुद को बहुत बूढ़ा महसूस नहीं करती. पिछले कुछ महीनों में, मैंने अपने पोते रोहित के साथ कम वजन उठाने की कोशिश शुरू की और फिर धीरे-धीरे वजन बढ़ाया." उन्होंने आगे कहा, "पिछले एक महीने में, जब मैं पल्लादम गई, तो मैं हर सप्ताहांत अपने पोते ऋतिक के साथ जिम जाती थी और डेडलिफ्टिंग तकनीक सीखती थी."
Kittammal, 82, from Pollachi, defies age norms by participating in her first deadlifting contest, lifting 50kg.
Inspired by grandsons, she aims for state and national level competitions to win medals.
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— The Times Of India (@timesofindia) May 10, 2024
आहार है ऊर्जा का राज
किट्टामल बचपन से ही रागी, बाजरा, अंडे, मोरिंगा सूप और उबली हुई सब्जियों से बना दलिया खाती हैं. उनका मानना है कि उनके खान-पान की आदतें और आहार ही उनकी ऊर्जा का राज हैं. किट्टामल ने भविष्य में राज्य और राष्ट्रीय स्तर की डेडलिफ्ट प्रतियोगिताओं में भाग लेने और पदक जीतने की उम्मीद जताई है.
प्रेरणा बनीं किट्टामल
किट्टामल के प्रशिक्षक सतीशकुमार ने कहा, "वह एक महीने से मेरे जिम में प्रशिक्षण ले रही हैं. हमने उन्हें प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रेरित किया और उन्होंने 50 किलो वजन उठाने में सफलता हासिल की. वह युवा महिलाओं के लिए एक उदाहरण और प्रेरणा हैं."