नई दिल्ली: बगैर संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास किए सरकारी बाबू बनने के लिए हजारों लोगों ने आवेदन किया है. दरअसल कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने 10 संयुक्त सचिव पदों पर सीधी भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन पदों के लिए कुल 6,077 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इतनी बड़ी संख्या में आवेदन मिलने के बाद अधिकारी आवेदकों को शॉर्ट लिस्ट करने का काम कर रहे है.
सभी पदों के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 जुलाई थी. डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक आवेदक का यूपीएससी पास करना जरुरी नहीं है. यह तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट होगा और अगर अच्छा प्रदर्शन हुआ तो इसे पांच साल तक बढाया जाएगा. इन पदों पर आवेदन के लिए अधिकतम उम्र की सीमा तय नहीं की गई थी जबकि न्यूनतम उम्र 40 साल है.
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि नई प्रतिभाओं को मौका देने और मैनपावर का सही इस्तेमाल करने के उद्देश्य से लैटरल एंट्री के तहत नियुक्तियां की जा रही हैं. पहले भी ऐसा किया जा चुका है। उन्होंने कहा,
संयुक्त सचिव पदों के तहत राजस्व विभाग, वित्तीय सेवाओं, इकनॉमिक अफेयर्स, कृषि विभाग, किसान हित, सड़क एवं परिवहन विभाग, जहाजरानी विभाग, पर्यावरण विभाग, वन विभाग, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, विमानन विभाग और वाणिज्य विभाग में ड्यूटी लगाई जाएगी. हालांकि इन सभी पदों पर नियुक्ति यूपीएससी के जरिये चुनकर आने वाले आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और आईआरएस अधिकारियों की होती है.
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब इतने बड़े पद पर सीधी भर्ती की जा रही है. इससे पहले मनमोहन सिंह, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, विजय केलकर, बिमल जालान, शंकर आचार्य, राकेश मोहन, अरविंद वीरमणि, अरविंद पनगड़िया, अरविंद सुब्रमण्यन और वैद्य राजेश कटोच की भी नियुक्ति इसी तरह हुई की गई थी.