NCW ने बताया, बीते वर्ष में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 30 फीसदी का हुआ इजाफा, यूपी टॉप पर
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली: साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की शिकायतों में 30 फीसदी का इजाफा हुआ था और पूरे साल में करीब 31 हजार आपराधिक शिकायतें मिली हैं. भारतीय संसद द्वारा गठित एक सांविधिक निकाय राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) जो शिकायत या स्वत: संज्ञान के आधार पर महिलाओं के संवैधानिक हितों और उनके लिए कानूनी सुरक्षा उपायों को लागू कराती है. यह भी पढ़े: महिलाओं के खिलाफ बढ़े अपराध लेकिन कई राज्यों ने इस्तेमाल नहीं किया गया निर्भया फंड, देखें आकड़ा

एनसीडब्ल्यू को महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों की लगभग 31,000 शिकायतें पिछले एक साल में प्राप्त हुईं हैं, जोकि साल 2014 के बाद से सबसे अधिक हैं, इन शिकायतों में आधे से अधिक उत्तर प्रदेश से हैं.  राष्ट्रीय महिला आयोग के अनुसार 2020 की तुलना में साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की शिकायतों में 30 फीसदी की वृद्धि हुई हैं.

आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के 10 हजार से अधिक मामले 30,864 शिकायतों में से, अधिकतम 11,013 महिलाओं के भावनात्मक शोषण को ध्यान में रखते हुए सम्मान के साथ जीने के अधिकार से संबंधित थीं। इसके साथ ही घरेलू हिंसा से संबंधित 6,633 और दहेज उत्पीड़न से संबंधित भी 4,589 शिकायतें थीं.

राष्ट्रीय महिला आयोग के अनुसार उत्तर प्रदेश से महिलाओं के खिलाफ अपराधों की अधिक शिकायत प्राप्त हुईं.  सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश से महिलाओं के खिलाफ अपराधों की 15,828 शिकायतें दर्ज की गईं.  वहीं देश की राजधानी दिल्ली में 3,336, महाराष्ट्र में 1,504, हरियाणा में 1,460 और बिहार में 1,456 शिकायतें बीते एक साल में दर्ज हुईं.

आयोग के अनुसार सम्मान के साथ जीने के अधिकार और घरेलू हिंसा से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुई हैं। 2021 में एनसीडब्ल्यू को बीते 6 सालों में सबसे ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुईं है। 2014 में कुल 33,906 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। हालांकि एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कई मौकों पर ये भी कहा कि शिकायतों में वृद्धि इसलिए हुई है, क्योंकि आयोग लोगों को अपने काम के बारे में अधिक जागरूक कर रहा है.

एनसीडब्ल्यू ने कहा कि साल 2021 में जुलाई से सितंबर तक, हर महीने 3,100 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं, आखिरी बार 3,000 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जब नवंबर, 2018 में देश मी टू आंदोलन के अपने चरम पर था.