नई दिल्ली: संसद भवन में हुए आतंकवादी हमले की आज 22 वीं बरसी है. 22 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को लोकतंत्र का मंदिर कही जाने वाली भारतीय संसद पर आतंकी हमला (Parliament Terrorist Attack) हुआ था. साल 2001 में आज ही के दिन संसद भवन पर उस समय आतंकी हमला हुआ था, जब शीतकालीन सत्र चल रहा था. पाकिस्तान (Pakistan) से आए पांच दहशतगर्दों ने संसद भवन परिसर में घुसकर गोलीबारी की थी. संसद हमले की 22वीं बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने कश्मीरियों को उर्दू में दिया मैसेज, SC के आर्टिकल 370 वाले फैसले पर जताई खुशी.
संसद हमले की 22वीं बरसी पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और अन्य नेताओं ने हमले में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ संसद भवन में शहीद जवानों के परिजनों से मुलाकात की.
शहीदों के परिजनों से मिले PM
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi along with Rajya Sabha Chairman and Vice President Jagdeep Dhankhar meet the family members of the fallen jawans at the Parliament, on the 22 years of the Parliament attack. pic.twitter.com/suEXK8mmCr
— ANI (@ANI) December 13, 2023
आतंकी हमले में 9 जवानों ने दिया बलिदान
इस आतंकी हमले में देश के 9 वीर सपूतों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था. इन जवानों ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनके संसद भवन में घुसने के मंसूबे को नाकाम कर दिया था. आज पूरा देश इन वीरों को श्रद्धांजलि दे रहा है. हमला उस वक्त हुआ जब संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान तमाम विपक्षी सांसदों के हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित की गई थी. उसी समय गोलियों को गड़गड़ाहट से संसद परिसर गूंज उठा.
हमले के वक्त संसद में कई सांसद और मंत्री मौजूद थे. हमले के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत करीब 200 सांसद संसद परिसर में मौजूद थे. सुरक्षाकर्मियों ने हमला होते ही उन्हें कमरे में भेजकर सुरक्षित कर दिया था. आतंकी संसद परिसर में भारत को सबसे बड़ा जख्म देने की फिराक में थे लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उनके मंसूबे को नाकाम कर दिया.