पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने दिल्ली के विभिन्न इलाकों से ‘ग्रीन दिल्ली’ एप के माध्यम से प्रदूषण फैलाने की आ रही शिकायतों के संबंध में आज अधिकारियों के साथ ग्रीन वार रूम में बैठक की. उन्होंने बताया कि ग्रीन दिल्ली एप से दिल्ली के 21 विभागों को जोड़ा गया है. इन सभी विभागों में एक-एक नोडल अधिकारी और एक वरिष्ठ अधिकारी को प्रभारी बनाया गया है. सभी नोडल और प्रभारी अधिकारियों को ग्रीन दिल्ली एप के जरिए प्राप्त शिकायतों के संबंध में वार रूम से सामंजस्य स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है. वार रूम में 12 को-आर्डिनेटर तैनात किए गए हैं, जो शिकायतों की जांच करेंगे और निर्धारित 48 घंटे में शिकायत निस्तारित कराना सुनिश्चित करेंगे. गोपाल राय ने कहा कि जिन शिकायतों का निस्तारण नहीं होने पर, उसके लिए 70 ग्रीन माॅर्शल नियुक्त किए गए हैं, जो मौके पर जाकर वास्तविकता की जांच करेंगे. दो नवंबर को सभी विभागों के नोडल अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की जाएगी, ताकि प्राप्त शिकायतों का तय समय सीमा के अंदर निस्तारण किया जा सके.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) द्वारा ‘ग्रीन दिल्ली’ एप का उद्घाटन करने के बाद अभी तक 228 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जो अलग-अलग विभागों से संबंधित है. वार रूम में क्लोज मॉनिटरिग के लिए टीमों का गठन कर दिया गया है. इस एप से लगभग 21 विभाग जुड़े हुए हैं. जिसमें एम.सी.डी., जल बोर्ड, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, डी.डी.ए., पी.डब्लू.डी., डी.एस.आई.डी.सी, पर्यावरण विभाग इत्यादि प्रमुख हैं. इन सभी विभागों से एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं और उनके एक वरिष्ठ अधिकारी को इसका प्रभारी बनाया गया है. इन 42 लोगों की टीम को ट्रेनिग दी गई है. वार रूम में 12 कोआडिर्नेटर बनाए गए हैं, जो एप के माध्यम से प्राप्त शिकायतों की निगरानी करेंगे. अगर समय सीमा के अंदर शिकायत पर कार्रवाई नहीं होती है, तो वे उच्च अधिकारी के साथ संपर्क करके शिकायत का निस्तारण कराने का प्रयास करेंगे. यह भी पढ़े: दिल्ली: सीएम अरविंद केजरीवाल 29 अक्टूबर को ग्रीन दिल्ली एप का करेंगे शुभारंभ, प्रदूषण पर लगाम लगाना है मकसद
ग्रीन वार रूम में मॉनिटरिंग का काम किया तेज। माननीय मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal जी द्वारा 'ग्रीन दिल्ली एप्प' लॉन्च के बाद समीक्षा बैठक। pic.twitter.com/YveHgcirt0
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) October 29, 2020
उन्होंने आगे बताया कि इस वार रूम के लिए 70 ग्रीन माॅर्शल भी नियुक्त किए गए हैं. जब कोई शिकायत निस्तारित नहीं हो रही है, तो वार रूम के द्वारा वे मौके पर जांच करने के लिए जाएंगे और जमीनी हकीकत की जांच कर अपनी रिपोर्ट देंगे, ताकि उस शिकायत का निराकरण किया जा सके. उन्होंने बताया कि आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने जो ‘ग्रीन एप’ लॉच किया है, उस पर अगले दो-तीन दिनों में जो शिकायत आएगी, उसको विभागों को भेजा जाएगा और उसका क्या अपडेट रहा है, उसके लिए 2 नवम्बर को सभी नोडल आधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की जाएगी, ताकि जो भी शिकायतें है, उनका निस्तारण किया जा सके. उन्होंने कहा कि वार रूम से एप पर आने वाली शिकायतों की लाइव निगरानी किया जा रहा है, इसके लिए हमने इंटरनल डैसबोर्ड तैयार किया है. यह भी पढ़े: दिल्ली: सीएम अरविंद केजरीवाल 29 अक्टूबर को ग्रीन दिल्ली एप का करेंगे शुभारंभ, प्रदूषण पर लगाम लगाना है मकसद
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने “युद्ध पदूषण के विरूद्ध” अभियान चलाया है, उसके अंतर्गत सरकार ने धूल प्रदूषण से निपटने के लिए एंटी धूल कैम्पेन, यातायात प्रदूषण से निपटने के लिए ‘रेड लाइट आॅन, गाड़ी आॅफ’ अभियान, पराली को जलाने से रोकन के लिए खेतों में बायो डीकंपोजर का छिड़काव अभियान के साथ ही ई-व्हिकल के रजिस्ट्रेशन को प्रोत्साहन और 13 सबसे ज्यादा प्रदूषित जगहों की माइक्रो मॉनिटरिंग का अभियान चला रखा है. इसके अलावा, आज ग्रीन दिल्ली ऐप शुरू किया गया है, जिससे कहीं भी छोटा-मोटा बायोमॉस वर्निग, डस्ट पाल्यूशन या इससे संबंधित किसी भी घटनाक्रम की शिकायत आती है, तो उसका निदान किया जा सकेगा. दीपावली के समय पटाखे के प्रदूषण को लेकर सरकार 3 नवम्बर से एंटी क्रेकर अभियान भी शुरू कर रही है. यह भी पढ़े: Delhi Air Pollution: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय बोले- पड़ोसी राज्यों का प्रवक्ता न बने केंद्र सरकार, प्रदूषण के खिलाफ मिल कर करे काम
केन्द्र सरकार के ऑर्डीनेंस पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण को कम करने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है. बिना सख्त कार्रवाई किए प्रदूषण को नियंत्रित नहीं कया जा सकता. उन्होंने कहा कि हम इस कदम का स्वागत करते हैं, लेकिन व्यवस्था बनाने के साथ साथ उसपर अमल करना ज्यादा जरूरी है.