17 वर्षीय स्कूल गोल्ड मेडल बैडमिंटन प्लेयर को तस्करों के गिरोह से बचाया गया, यहां पढ़ें पूरी खबर
बैडमिंटन चैंपियनशिप में भाग लेने से रोके जाने से परेशान होकर 17 वर्षीय लड़की पिछले साल उत्तर प्रदेश में अपना घर छोड़कर दिल्ली आ गई थी. 17 वर्षीय लड़की स्कूल में स्वर्ण पदक विजेता भी थी और वह अच्छी ट्रेनिंग प्राप्त करने और जीवन में बड़ा नाम कमाने की ख्वाहिश रखती थी. हालांकि, वह आगे आने वाले खतरों से अनजान थी.
बैडमिंटन चैंपियनशिप में भाग लेने से रोके जाने से परेशान होकर 17 वर्षीय लड़की पिछले साल उत्तर प्रदेश में अपना घर छोड़कर दिल्ली आ गई थी. 17 वर्षीय लड़की स्कूल में स्वर्ण पदक विजेता भी थी और वह अच्छी ट्रेनिंग प्राप्त करने और जीवन में बड़ा नाम कमाने की ख्वाहिश रखती थी. हालांकि, वह आगे आने वाले खतरों से अनजान थी. दरअसल, रेलवे स्टेशन पर तस्करों के एक गिरोह के जाल में फंसी लड़की शहर के रेड-लाइट इलाके जीबी रोड की गंदी गलियों में पहुंच गई. अभी कुछ दिन पहले, अधिकारियों ने एक गुप्त सूचना के बाद कोठा नंबर 59 पर छापा मारा और लड़की को एक अन्य नाबालिग के साथ छुड़ाया. यह भी पढ़ें: Varanasi: होटल में चल रहा था सेक्स रैकेट, उत्तरप्रदेश के वाराणसी पुलिस ने किया भंडाफोड़
पुलिस ने पाया कि पीड़ित इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल पर बंधक थी. सूत्रों ने बताया कि लड़कियों को कथित तौर पर रोजाना कम से कम आठ ग्राहकों की सेवा करने के लिए मजबूर किया जाता था. इतना ही नहीं शारीरिक विकास को तेज करने के लिए उन्हें हॉरमोनल इंजेक्शन दिए जाते थे. लोक नायक अस्पताल में बाद में मेडिकल जांच में लड़की की उम्र की पुष्टि हुई और उनके बयान दर्ज किए गए. जांच में पता चला कि नाबालिगों को पिछले साल कोठा मालिक किरण देवी (53) ने ऋषि और संजय नाम के व्यक्तियों की मदद से वेश्यालय में लाया था.
पुलिस ने लालाराम (48) की भी पहचान की, जिसे सुनील के नाम से भी जाना जाता है, जिसने कथित तौर पर नाबालिगों को वयस्कों के रूप में पेश करने के लिए जाली दस्तावेज बनाए थे. बचाव कार्य एक टीम द्वारा किया गया जिसमें क्षेत्र की ‘महिला पुलिस चौकी’ की अधिकारी शामिल थीं, जिनका नेतृत्व एसआई किरण सेठी, एएसआई परमजीत और कांस्टेबल ममता कर रही थीं. कमला मार्केट पुलिस स्टेशन के अतिरिक्त अधिकारियों को भी ऑपरेशन के लिए शामिल किया गया था. टीम ने किरण और लालाराम को सफलतापूर्वक पकड़ लिया.