चंदौली: उत्तर प्रदेश पुलिस ने 16 ऐसे युवाओं को पकड़ा है, जो वाराणसी से समस्तीपुर तक पैदल जा रहे थे, इसके लिए वो रेलवे ट्रैक के साथ चल रहे थे. युवाओं को ऐसा कदम लॉकडाउन के कारण उठाना पड़ा क्योंकि उनके पास घर जाने के लिए कोई परिवहन सुविधा नहीं थी. वे केरल के कालीकट में काम करते हैँ और रेल सेवा बंद होने से पहले किसी तरह ट्रेन से झांसी तक पहुंच गए थे. एक युवा ने पुलिस को बताया, "झांसी से हमने ट्रक में लिफ्ट ली और वाराणसी तक पहुंचे लेकिन इसके बाद हमें कोई साधन नहीं मिला. ऐसे में पैदल चलने के सिवाय हमारे पास कोई विकल्प नहीं था." ये लड़के जब कुचमन रेलवे स्टेशन पहुंचे तो यहां के पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल को इसकी जानकारी मिली और उन्होंने इन युवाओं को रेस्क्यू किया.
एक लड़के ने कहा कि हम रेलवे ट्रेक के बगल से इसलिए चल रहे थे, ताकि हम रास्ता न भटकें. गुरुवार को पुलिस अधीक्षक ने विशेष अनुमति लेकर इनके लिए एक गाड़ी का इंतजाम किया और अब इन्हें इनके घर भेजा जा रहा है. इसी तरह की एक अन्य घटना में मेरठ पुलिस ने एक श्रमिक को रेस्क्यू किया है जो अपनी पत्नी और 4 बच्चों के साथ भोजन की तलाश में पैदल चलकर जा रहे थे. यह भी पढ़ें:
बच्चों सहित इस पूरे परिवार ने पिछले 48 घंटों से कुछ नहीं खाया था. कंकेरखेरा के थाना अधिकारी बिजेंदर राणा ने कहा, "पूरा परिवार बुरी हालत में था. लेकिन वो समय पर पहुंच गए. हमने उन्हें खाना दिया और कुछ पैसे भी दिए."
मजदूर इमरान अहमद ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि लॉकडाउन के बचे हुए समय वो कैसे निकालेंगे. उसने पुलिस को बताया कि उसकी सैंकड़ों श्रमिक जो कि ईंट भट्टी में काम कर रहे थे, वो सभी ऐसी ही हालत में हैं. लखनऊ में पुलिस ने इंसानियत दिखाते हुए निशातगंज पुल के नीचे रह रहे बेघरों को खाने के पैकेट बांटे.