आगरा, 17 सितंबर: ताज नगरी में कोविड-19 (COVID19) परीक्षण सुविधाओं के अभाव के चलते केन्द्रों पर लोगों की भीड़ बढ़ रही है. जाहिर है परीक्षण में देरी से मरीजों के इलाज में भी देरी हो रही है. शहर के जिला अस्पताल और एस.एन. मेडिकल कॉलेज के नमूने इकट्ठा करने वाले केन्द्रों पर कतारें लगातार लंबी होती जा रही हैं. जिला अस्पताल के केंद्र में मरीजों के परिजनों ने बताया, "लोगों को अपनी बारी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है, फॉर्म भरने पड़ते हैं और फिर रिपोर्ट लेने के लिए फिर से यहां आना पड़ता है. इस सबमें बहुत समय बर्बाद होता है."
कुछ लोगों ने निजी अस्पतालों को परीक्षण करने की अनुमति देने की बात कही. उनका तर्क है कि यदि सरकारी केन्द्र परीक्षण का बोझ नहीं सह पा रहे हैं तो उन्हें निजी क्षेत्र को यह काम करने की अनुमति देनी चाहिए. यहां निजी प्रयोगशालाओं में परीक्षण निलंबित कर दिए गए हैं. चूंकि किसी भी बीमारी के लिए मरीजों को अस्पताल में इलाज के लिए कोविड की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना जरूरी है, ऐसे में सरकारी परीक्षण केन्द्रों पर बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे लोगों में नाराजगी है.
वहीं पिछले 24 घंटों में शहर में 110 नए मामले सामने आए हैं. अब यहां कुल मामलों की संख्या 4,377 हो गई है. जिला मजिस्ट्रेट पी.एन. सिंह का कहना है कि 3,448 मरीज ठीक हो चुके हैं और सक्रिय मामलों की संख्या 813 है.
आगरा नगर निगम के कई कर्मचारी पॉजिटिव आए हैं, लिहाजा कार्यालय को सैनेटाइज किया जा रहा है. सिविल कोर्ट को भी सैनेटाइजेशन के लिए 3 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. हालातों से निपटने के लिए कोविड वार्ड में बेड की संख्या बढ़ाई गई है. एस.एन. मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में 34 बेड बढ़ाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग की 225 से अधिक चिकित्सा टीमें परामर्श और इलाज देने का काम कर रही हैं.