Jabariya Jodi Movie Review: कॉमेडी से भरपूर लेकिन 'जबरिया शादी' में फंसकर रह गई सिद्धार्थ-परिणीति की ये रोमांटिक फिल्म
सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा की फिल्म 'जबरिया जोड़ी' कल यानी 9 अगस्त को रिलीज के लिए तैयार है. बिहार में सेट की गई इस फिल्म में जबरिया शादी के विषय को रोमांटिक और ड्रामेटिक अंदाज में पेश किया गया है. इस फिल्म को देखने से पहले पढ़ें इसका ये स्पेशल रिव्यू.
Jabariya Jodi Movie Review: सिद्धार्थ मल्होत्रा (Sidharth Malhotra) और परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) की रोमांटिक कॉमेडी फिल्म 'जबरिया जोड़ी' (Jabariya Jodi) कल यानी 9 अगस्त को रिलीज होने जा रही है. इस फिल्म की रिलीज को किसी न किसी वजह से टाला गया था जिसके बाद 9 अगस्त की रिलीज के लिए सेट किया गया था. पेश है इस फिल्म का रिव्यू.
निर्देशक: प्रशांत सिंह (Prashant Singh)
कास्ट: सिद्धार्थ मल्होत्रा, परिणीती चोपड़ा, जावेद जाफरी, संजय मिश्रा, शरद कपूर, अपार्शक्ति खुराना, शीबा चड्ढा गोपाल और दत्त .
कहानी: फिल्म 'जबरिया जोड़ी' कहानी है अभय सिंह और बबली यादव की जिसका किरदार सिद्धार्थ और परिणीति ने निभाया है. बिहार (Bihar) में सेट की गई इस फिल्म की कहानी में बताया गया है कि बचपन से ही अभय और बबली एक दूसरे से प्रेम करते हैं लेकिन बाद में ये बिछड़ जाते हैं. वक्त बदल जाता है और फिल्म की कहानी भी. अभय जोकि एक राजनीतिक बैकग्राउंड से आते हैं वो अपने पिता के निर्देशों का पालन करते हैं और चुनाव लड़ने के लिए तैयारी कर रहे हैं. वो समाज सेवा के नाम पर लोगों की जबरिया शादी करवाते हैं. इधर परिणीति चोपड़ा एक मिडिल क्लास फैमिली से आती हैं जिनके पिता (संजय मिश्रा) दहेज न दे पाने के लिए कारण उनकी शादी करा पा रहे हैं और परेशान हैं. इस दौरान एक बार फिर सिद्धार्थ और परिणीति एक दूसरे से मिलते हैं और बचपन की उस प्रेम को कहानी को आगे ले जाते हैं. लेकिन क्योंकि अब हालत बदल चुके हैं इसलिए उनकी इस प्रेम कहानी में रोमांस के साथ ही फैमिली ड्रामा और मारधाड़ भी जुड़ जाता है. सिद्धार्थ की जबरिया शादी करवाने की इमेज, उनके पिता (जावेद जाफरी) के उसूल और उनके राजनीतिक करियर को लेकर उनकी महत्त्वाकांक्षाएं अब उनकी प्रेम कहानी के आड़े आती है. यहां शुरू होता है ड्रामा और इमोशन जहां सिद्धार्थ अपने सभी उसूल और सपनों को भुलाकर प्यार को हासिल करने की जद्दोजहद में जुट जाते हैं. ले-देकर यही है फिल्म की कहानी.
अभिनय: फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा एक देसी छोरे के किरदार में ढलने में काफी हद तक सफल हुए हैं. उनका बॉडी लैंग्वेज और उनके बोल-चाल का तरीका उन्हें जचता है. सिद्धार्थ ने यहां एटीट्यूड के साथ इमोशन को भी बखूभी निभाया है. परिणीति चोपड़ा का किरदार एक दबंग लड़की है जिसे उन्होंने बेहद मजेदार अंदाज से निभाया है. फिल्म में परिणीति जिस प्रकार से बिहारी एक्सेंट में बात करती हैं, ये भी बेहद मनोरंजक है. फिल्म में जावेद जाफरी (Javed Jaffrey) का किरदार एक गंभीर व्यक्ति का है जो उन्होंने शानदार ढंग से निभाया है. अपने किरदार में वो यहां पूरी तरह से ढले हुए नजर आए. फिल्म में अपारशक्ति खुराना (Aparshakti Khurana) हमें अपने कॉमिक अंदाज से खूब हंसाते हैं. वहीं संजय मिश्रा (Sanjay Mishra) का किरदार मभी बेहद मनोरंजक है. एक बार फिर वो अपनी सादगी और अपनी एक्टिंग से हमें एंटरटेन करते नजर आए. फिल्म में पुलिस अफसर के किरदार में नजर आए गोपाल दत्त (Gopal Dutt) अपने डायलॉग्स से हमें लोटपोट करते हैं. उनका स्क्रीन स्पेस कम है लेकिन वो यहां खूब हंसाते हैं.
म्यूजिक: इस रोमांटिक फिल्म में म्यूजिक पर भी बढ़िया काम किया गया है. फिल्म के सैड और रोमांटिक सॉन्ग्स इमोशन से भरे हैं और इसके बोल भी खूबसूरत हैं. लेकिन कहीं न कहीं कंपोजर्स तनिष्क बागची, विशाल मिश्रा और सचेत-परंपरा यहां और बेहतर काम कर सकते थे.
फाइनल टेक: आज के दौर में भी 'जबरिया शादी' के कई ऐसे मामले, खास करके उत्तर भारत से सुनने को मिलते हैं. निर्देशक प्रशांत सिंह ने इस विषय को एक रोमांटिक और ड्रामेटिक कहानी में पिरोह कर दर्शकों के सामने पेश किया है. इस फिल्म का फर्स्ट हाफ एंटरटेनमेंट से भरा हुआ है. फिल्म के लीड करैक्टर्स और साथ ही सपोर्टिंग एक्टर्स का इस्तेमाल बढ़िया ढंग से किया गया है. लेकिन मजा किरकिरा होता है इंटरवल के बाद जहां से ड्रामा शुरू होता है. सेकंड हाफ में आपको महसूस होगा कि इसकी कहानी को बेवजह ताना गया है और इसे कट-शॉर्ट किया जा सकता है. फिल्म के कॉमिक पंचेस और डायलॉग्स इसकी जान हैं जोकि इसके फर्स्ट हाफ में आपको ज्यादा देखने को मिलेगा. मनोरंजन के दृष्टिकोण से फिल्म बढ़िया है लेकिन इसकी सेकंड हाफ में इसकी स्क्रिप्ट ढीली पड़ती नजर आती है और कुछ सीन्स आपको बोर कर सकते हैं. ओवरऑल बात करें तो तो फिल्म में सभी प्रकार के एलिमेंट्स मौजूद हैं कॉमेडी, रोमांस, एक्शन और ड्रामा लेकिन फिल्म की कहानी में उस प्रकार की दम नहीं जैसा कि इससे उम्मीदें थी. अगर 'जबरिया शादी' का विषय निकाल दिया जाए तो ये भी एक टिपिकल फैमिली ड्रामा से भरी लव स्टोरी बेस्ड फिल्म लगेगी.