क्या राष्ट्रिय पुरस्कार के हकदार हैं अक्षय कुमार? सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

अक्षय कुमार की नागरिकता को लेकर इंटरनेट पर फैंस के बीच अब गर्मागर्मी शुरू हो चली है

अक्षय कुमार (Photo Credits: Instagram)

अक्षय कुमार (Akshay Kumar) इन दिनों मीडिया में विवादों से घिरे हुए हैं. हाल ही में मुंबई में लोकसभा चुनाव 2019 (Loksabha Elections 2019) के चौथे चरण के मतदान के लिए जहां कई सारे बॉलीवुड सेलिब्रिटीज ने वोट किया वहीं अक्षय कुमार मतदान नहीं कर पाए. इस बात को लेकर अक्षय से सवाल भी किया गया जिसका जवाब देने से भी वो बचते नजर आए. हालांकि बाद में उन्होंने ट्विटर पर एक बयान जारी करके अपना पक्ष रखा.

अब सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर बहस छिड़ गई है कि क्या वाकई अक्षय नेशनल अवॉर्ड (National Award) के हकदार हैं? फिल्ममेकर अपूर्व असरानी (Apurva Asrani) ने ट्विटर पर अक्षय को लेकर सवाल उठाते हुए लिखा, "हां, ये सवाल बेहद जरूरी है. क्या कैनेडियन सिटीजन भारत में राष्ट्रिय पुरस्कार के लिए मान्य हैं? साल 2016 में जब अक्षय कुमार ने राष्ट्रिय पुरस्कार जीता तब हमने सोचा था कि ये अवॉर्ड मनोज वाजपेयी (Manoj Bajpayee) को फिल्म 'अलीगढ़' (Aligarh) के लिए दिया जाएगा. अगर की जूरी या मिनिस्ट्री से कोई गलती हुई है तो क्या उसे वापस लिया जाएगा?

इस ट्वीट का जवाब देते हुए निर्देशक हंसल मेहता (Hansal Mehta) ने लिखा, "आइदा अल काशिफ, एक इजिप्शियन एक्टर और फिल्ममेकर ने बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के रूप में 2013 में नेशनल अवॉर्ड जीता. मुझे नहीं लगता कि विदेश की नागरिकता होने से आप अपात्र हो जाएंगे. मुझे लगता है कि अपात्र तब होते हैं जब कोई फिल्म भारतीय प्रोड्यूसर द्वारा प्रोड्यूस नहीं की जाती है. मैं कम से कम इतना तो सोच सकता हूं."

आपको बता दें कि अक्षय ने अपने कैनेडियन होने के विवाद पर बयान देते हुए कहा था, "मुझे वाकई नहीं समझ आता कि लोगों को मेरी नागरिकता पर बेकार में रूचि क्यों लेनी है और इसे लेकर नकारात्मक होना है. मैंने ये बात कभी नहीं छुपाई कि मेरे पास कैनेडियन पासपोर्ट (Canadian passport) है. ये बात भी सच है कि पिछले सात साल से मैं कनाडा नहीं गया. मैं भारत में काम करता हूं और अपने सभी टैक्स भी भारत में चुकाता हूं.

इतने सालों में मुझे कभी भी किसी को भी भारत के लिए अपने प्यार को साबित नहीं पड़ा. मुझे दुख होता है कि बेकार में मेरी नागरिकता के विषय को विवाद के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया जाता है जब कि ये मामला पर्सनल, लीगल, गैर-राजनीतिक है और किसी से कोई संबंध नहीं रखता है. मैं इसी तरह से अपने देश के लिए अपनी छोटी कोशिशें करता रहूंगा और उन विषयों पर योगदान देता रहूंगा जिससे भारत मजबूत होगा."

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