Kingdom of the Planet of the Apes Review: प्लेनेट ऑफ द एप्स फ्रैंचायजी अगर आपने देखी होगी तो आपका आपको पता होगा कि ये फिल्में वानरों के इर्द गिर्द घूमती हैं. साथ ही मानवों के बीच भी इनका नाता जुड़ा रहा है. मानवों के साथ नाता जोड़ने का काम सीजर ने किया था. साथ ही सीजर ने वानरों को एक जुट रहने का संदेश दिया था, पर सीजर के निधन के बाद फैंस में काफी निराशा पैदा हो गई थी, पर अब एक बार फिर यह फ्रैंचायजी आगे बढ़ चली है 'किंगडम ऑफ द प्लेनेट ऑफ द एप्स' आज भारत में रिलीज हो चुकी है. फिल्म की कहानी जानदार है और इसके वीएफएक्स का तो क्या ही कहना साथ ही यह फिल्म सीजर को अलग अंदाज में श्रद्धांजलि अर्पित करती है और अगर आपने इस फ्रैंचायजी को पहले फॉलो नहीं किया है तो भी कोई बात नहीं है आप वेस बॉल द्वारा डायरेक्टेड इस फिल्म को फिर भी एंजॉय कर पाएंगे.
फिल्म की कहानी युवा वानर नोवा (Owen Teague) पर बेस्ड है, जो अपने परिवार के साथ रहता है और ये लोग ईगल को पाल पोशकर बड़ा करने का काम करते हैं, ताकि जरुरत आने पर वे उनकी रक्षा कर सकें, यहां तक कि मछलियां लाने का काम तो वे अभी से ही कर रहे होते हैं. एक दिन प्रोक्सिमस सीजर अपने वानरों की सेना के साथ नोवा के गांव में हमला बोल देता है और नोवा के पिता को जान से मार देता है और नोवा को ऊचाई से नीचे फेंक देता है साथ ही उसके कबीले को अपने साथ ले जाता है. नोवा किसी तरह बच जाता और हिम्मत जुटाकर अपने कबीले को वापस लाने के लिए निकल पड़ता है, रास्ते में उसकी मुलाकात काफी बुजुर्ग वानर राका से होती है और वह उसे बताता है कि आज से 300 साल पहले सीजर हुए थे जिन्होंने वानरों को एकजुट होने का संदेश दिया था साथ ही उस समय वानर और इंसान एक साथ रह रहे थे.
इसी बीच नोवा और राका को एक इंसानी लड़की मे मिलती है जो अपने परिवार से खोई हुई जान पड़ती है वह जानती है कि प्रोक्सिमस उसके कबीले को कहां ले गया है. नोवा की इस यात्रा के बीच इंसानों को बड़ी ही दयनीय अवस्था में दिखाया गया है जो बोल भी नहीं सकते हैं. कहानी आगे बढ़े उससे पहले नोवा और में राका को खो बैठते हैं. अब क्या नोवा अपने कबीले को वापस ला पाएगा?क्या मे नोवा का साथ देगी? इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.
वेस बॉल द्वारा डायरेक्टेड 'किंगडम ऑफ द प्लेनेट ऑफ द एप्स'सीक्वल से कहीं अलग है. उनका डायरेक्शन कमाल का है. साथ ही हरेक किरदार के एक्सप्रेशन और एक्टिंग देखते बनती है. फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म का स्तर बढ़ाने का काम करता है. साथ ही आप इस फिल्म में सीजर को मिस करेंगे पर कहीं न कहीं डायरेक्टर ने सीजर की नेकदिली बातों को दिखाकर एक सच्ची और अधिक प्रभावशाली श्रद्धांजलि दी है. हालांकि फिल्म कहीं कहीं पर थोड़ी धीमी नजर आती है, बावजूद इसके अगर आपको एप्स की फिल्में पसंद हैं तो यह फिल्म आपके लिए है, इस हप्ते इसे आप अपने परिवार के साथ देख सकते हैं. फिल्म आपको निराश नहीं करेगी.