ऑस्कर विजेता भारतीय संगीतकार ए. आर. रहमान (A. R. Rahman) ने बुधवार को सोशल मीडिया पर अपने सभी प्रशंसकों से इस बात की अपील की कि वे सरकार की सलाह का पालन करें और स्व-एकांतवास को बनाए रखें. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह धार्मिक जगहों पर एकत्रित होकर अराजकता फैलाने का समय नहीं है. दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके के मरकज में धार्मिक कार्यक्रम तब्लीगी जमात ने देश में कोरोनावायरस के खतरे को और बढ़ा दिया है. धर्म से जुड़ा हुआ यह मुद्दा आजकल काफी सूर्खियों में बना हुआ है और इसी के मद्देनजर रहमान का यह बयान आया है.
रहमान ने अपने ट्विटर पर लिखा, "प्यारे दोस्तों, यह संदेश पूरे भारत के अस्पतालों व क्लीनिकों में काम करने वाले चिकित्सकों, नर्सो व अन्य सभी कर्मचारियों को उनकी बहादुरी और निस्वार्थता के लिए धन्यवाद कहने के लिए है. यह देखकर वाकई में दिल भर जाता है कि इस घातक महामारी का सामना करने के लिए वे किस कदर तत्पर हैं. हमारी जान बचाने के लिए वे अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं। यह हमारे मतभेदों को भूल जाने और इस अदुर्श्य दुश्मन के खिलाफ एकजुट होने का समय है, जिसने पूरी दुनिया में तबाही मचा कर रखी है. यह मानवता और आध्यात्मिकता को काम में लाने का समय है. अपने पड़ोसियों, वरिष्ठ नागरिकों, सुविधाओं से वंचित लोगों और अप्रवासी मजदूरों की मदद करें. ये भी पढ़ें: ए.आर.रहमान ने नई पीढ़ी को लेकर दिया बयान, कहा- उन्हें कुछ वापस लौटाने और उनसे कुछ सिखने की इच्छा महसूस होती है
This message is to thank the doctors, nurses and all the staff working in hospitals and clinics all around India, for their bravery and selflessness... pic.twitter.com/fjBOzKfqjy
— A.R.Rahman (@arrahman) April 1, 2020
रहमान आगे लिखते हैं, "ईश्वर आपके दिल (सबसे पवित्र जगह) में हैं, इसलिए यह धार्मिक स्थलों पर इकट्ठा होकर अराजकता फैलाने का समय नहीं है. सरकार की सलाह का पालन करें. कुछ दिनों का एकांतवास आपको आगे आने वाले कई सारे साल दे सकते हैं. वायरस को फैलाएं नहीं और अन्य लोगों को नुकसान पहुंचाने की वजह न बनें. ये भी पढ़ें: ए.आर. रहमान नए कलाकारों के साथ नहीं करना चाहते हैं काम, बताई ये बड़ी वजह
यह बीमारी आपको इस बात की भी चेतावनी नहीं देती है कि आप वाहक हैं, इसलिए यह न सोचें कि आप संक्रमित नहीं हैं. यह झूठी अफवाहों को फैलाने और अधिक चिंता व डर पैदा करने का वक्त नहीं है. दयावान और विचारशील बनें, आपके हाथों कई लोगों की जिंदगी है."