Sushant Singh Rajput: सुशांत सिंह राजपूत मामले में मुंबई पुलिस के लिए सभी दरवाजे बंद

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुंबई पुलिस को बड़ा झटका देते हुए बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की अस्वाभाविक मौत के मामले में जांच जारी रखने या भविष्य में आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए सभी विकल्प बंद कर दिए.

सुशांत सिंह राजपूत और सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: Twitter/ PTI)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को मुंबई पुलिस (Mumbai Police) को बड़ा झटका देते हुए बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की अस्वाभाविक मौत के मामले में जांच जारी रखने या भविष्य में आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए सभी विकल्प बंद कर दिए. मामले की सीबीआई जांच का आदेश देते हुए न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय (Hrishikesh Roy) ने कहा, सीबीआई जांच के लिए अनुमोदन के अनुसार, यदि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु और उनकी अस्वाभाविक मौत की आसपास की परिस्थितियों पर कोई अन्य मामला दर्ज किया जाता है, तो नए मामले को भी जांच के लिए सीबीआई को निर्देशित किया जाएगा.

शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में मुंबई पुलिस बगैर प्राथमिकी दर्ज किए ही धारा 174 के दायरे को खींचने का प्रयास कर रही है और इसीलिए ऐसा लगता है कि मुंबई पुलिस एक सं™ोय अपराध की जांच नहीं कर रही है. न्यायाधीश रॉय ने कहा, उन्होंने अभी तक एक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है. न ही उन्होंने सीआरपीसी की धारा 175 (2) के संदर्भ में एक उपयुक्त निर्धारण किया है. इसलिए यह कहना जल्दबाजी होगी कि मुंबई पुलिस समानांतर जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि दो न्यायालयों द्वारा अलग-अलग संज्ञान लेने की भविष्य की संभावना के मामले में, सीआरपीसी की धारा 186 और अन्य कानूनों के तहत समस्या का समाधान किया जा सकता है.न्यायमूर्ति रॉय ने कहा, इसलिए भविष्य पर कोई राय व्यक्त नहीं की जा रही है और इस मुद्दे को तय करने के लिए खुला छोड़ दिया गया है. न्यायाधीश ने कहा कि अगर आवश्यक होगा तो, कानून के अनुसार ही कार्यवाही होगी. यह भी पढ़े: #CBIForSaints: सुशांत सिंह राजपूत केस के बाद सिंगर कैलाश खेर ने पालघर मॉब लिंचिंग केस में की सीबीआई जांच की मांग, ट्विटर पर उठाई आवाज

शीर्ष अदालत ने कहा कि मुंबई में भावी स्थिति की अनिश्चितता को देखते हुए ही राजपूत के पिता के. के. सिंह ने पटना में दायर शिकायत में रिया चक्रवर्ती के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई. अदालत ने कहा कि बिहार सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने यह मामला अपने हाथ में ले लिया है. याचिकाकर्ता को सीबीआई जांच में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वह बिहार सरकार और पटना पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर संशय में हैं. अदालत ने कहा कि रिया की याचिका लंबित होने के दौरान ही पटना में दर्ज प्राथमिकी बिहार सरकार की सहमति से सीबीआई को हस्तांतरित कर दी गई है.

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