गायिका कनिका कपूर ने COVID-19 संक्रमित लोगों की मदद करने की जताई इच्छा, अपना प्लाज्मा दान करने की पेशकश की
बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से संपर्क कर अन्य कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए अपना प्लाज्मा दान करने की पेशकश की है. गायिका ने ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की प्रमुख प्रोफेसर तूलिका चंद्रा को फोन किया और मदद करने की इच्छा जताई.
बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर (Kanika Kapoor) ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) से संपर्क कर अन्य कोविड -19 (Covid-19) रोगियों के इलाज के लिए अपना प्लाज्मा दान करने की पेशकश की है. गायिका ने ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की प्रमुख प्रोफेसर तूलिका चंद्रा को फोन किया और मदद करने की इच्छा जताई. प्रोफेसर चंद्रा ने कहा, "उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि वह वाकई में अन्य कोविड -19 रोगियों की मदद करना चाहती हैं. कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने इस मामले को आगे बढ़ा दिया है और अब हम उनका परीक्षण करवाएंगे कि क्या वह प्लाज्मा देने के करने के लिए फिट हैं."
विशेषज्ञों के अनुसार, कनिका का प्लाज्मा लेने से पहले उनके नमूने के कई परीक्षण किए जाएंगे. इसके तहत हीमोग्लोबिन का स्तर 12.5 से ऊपर होना चाहिए, वजन 50 किलोग्राम से अधिक होना चाहिए और रोगी को मधुमेह, हृदय संबंधी समस्याएं, मलेरिया, सिफलिस और ऐसी अन्य बीमारियां नहीं होनी चाहिए. कनिका का नमूना संभवत: मंगलवार को लिया जाएगा और यदि सभी चीजें सही निकलीं तो वह बुधवार को अपना प्लाज्मा दान करेंगी.
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कनिका कपूर पिछले महीने तब सुर्खियों में आईं थीं जब कोरोनोवायरस परीक्षण पॉजिटिव आने वाली वो पहली बॉलीवुड सेलिब्रिटी बनी थीं. विदेश यात्रा से वापस आने के बाद कनिका ने शीर्ष राजनेताओं और नौकरशाहों की उपस्थिति में लखनऊ में दो पार्टियों में भाग लिया था. बाद में उन सभी का कोरोना परीक्षण किया गया था.
कनिका को संजय गांधी पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस) में 15 दिन से अधिक समय तक भर्ती रखा गया था. उन्होंने 26 अप्रैल को अपनी विदेश यात्रा और कोविड -19 को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए एक बयान दिया था कि वह उनके बारे में फैलाई जा रही गलत धारणाओं और गलत सूचनाओं के बारे में सब जानती थी, लेकिन उन्होंने चुन रहने का विकल्प चुना.
इस बीच केजीएमयू में रविवार रात ओराई के 58 वर्षीय मरीज में पहला प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन किया. मरीज एक सरकारी डॉक्टर हैं और उनकी हालत गंभीर थी. डॉक्टरों ने कहा है कि अब रोगी पहले से बेहतर है. विश्वविद्यालय को पूरी तरह से ठीक हुए 3 कोविड-19 रोगियों के प्लाज्मा मिले हैं, जो कि दो डॉक्टरों और एक लखीमपुर के व्यक्ति ने दिए हैं.