'The Diary of West Bengal': सामाजिक-राजनीतिक अशांति का मार्मिक चित्रण
एक फिल्म की कहानी बांग्लादेश की हिंदू महिला सुहासिनी (अर्शिन मेहता द्वारा अभिनीत) के बारे में है, जो एक नरसंहार में अपने माता-पिता की मौत के बाद भागने के लिए मजबूर है.
'The Diary of West Bengal': एक फिल्म की कहानी बांग्लादेश की हिंदू महिला सुहासिनी (अर्शिन मेहता द्वारा अभिनीत) के बारे में है, जो एक नरसंहार में अपने माता-पिता की मौत के बाद भागने के लिए मजबूर है. इस्लामिक उग्रवादी उसे सुंदरबन पार करने में मदद करते हैं, लेकिन उनका एक एजेंडा है. इस्लामिक उग्रवादी उसे इस्लाम में परिवर्तित करना चाहते हैं और पश्चिम बंगाल के आगामी चुनावों में एक राजनीतिक पार्टी के लिए अधिक वोट हासिल करने के लिए उसका उपयोग करना चाहते हैं. आगे जो कुछ होता है वह परेशान करने वाली घटनाओं और उसकी परेशानियों की एक श्रृंखला है.
प्रदर्शन और तकनीकी पहलू फिल्म के सबसे बेहतरीन पहलुओं में से एक यजुर मारवाह, अर्शिन मेहता और रामेंद्र चक्रवर्ती जैसे अभिनेताओं का असाधारण अभिनय है. हर अभिनेता ने फिल्म में दमदार अभिनय किया है, इसमें यजुर और अर्शिन खास तौर पर सबसे अलग हैं. खूनी एक्शन सीक्वेंस, सिनेमैटोग्राफी, वीएफएक्स और लोकेशन चॉइस सहित सभी पहलुओं में प्रोडक्शन क्वालिटी में फिल्म बेहतरीन है. इसके अलावा, फिल्म में अर्शिन (सुहासिनी) की मुश्किलों को बेहद दृढ़ विश्वास के साथ दिखाया गया है. यह उन आदिवासी लोगों की परेशानियों को भी प्रभावी ढंग से उजागर करता है, जो पुलिस और विद्रोहियों के बीच एक कठिन परिस्थिति में फंस गए हैं, और दोनों तरफ से दबाव का सामना कर रहे हैं. यह भी पढ़ें: Stree 2 Box Office Collection: 'स्त्री 2' का लगातार बॉक्स ऑफिस पर जलवा, फिल्म ने अभी तक किया 444 करोड़ से अधिक का कारोबार
फिल्म के निर्देशन की अगर हम बात करें, तो सनोज मिश्रा ने अपने शानदार लेखन और निर्देशन से बांग्लादेशी मुसलमानों के उन जख्मों को बयां किया है, जो क्रूर यातना और अकल्पनीय हिंसा से गुजरे हैं. उन्होंने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि वे इस पूरी कहानी को उसके मूल स्वरूप में ही पेश करें. फिल्म का संगीत उस तनाव को और बढ़ाता है, जिसे निर्माता इस तरह से बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि कहानी न केवल समझ में आए, बल्कि महसूस भी हो. हालांकि कहानी वास्तविक है, लेकिन फिल्म में ढलने और गैर-रेखीय कहानी को समझने में कुछ समय लगता है.
इसके अलावा, कुछ दृश्यों में हिंसा दर्शकों के एक वर्ग को बहुत ज्यादा ग्राफिकल लग सकती है कुल मिलाकर, 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' एक जबरदस्त क्राइम ड्रामा है. इसमें कुछ ऐसे पल हैं, जो आपको झकझोर कर रख देंगे. हालांकि यह विषय को बहुत ईमानदारी से उजागर करती है, लेकिन वास्तविकता हमें चौंका देती है.