जावेद अख्तर ने ट्रोल्स को दिया करारा जवाब, कहा- “नरक जाऊंगा, मगर पाकिस्तान नहीं”

बॉलीवुड के प्रख्यात गीतकार, कवि और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएँ दीं. इस दौरान उन्होंने यह याद दिलाना भी ज़रूरी समझा कि स्वतंत्रता थाली में परोस कर नहीं मिलती, बल्कि यह अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से अर्जित की गई है...

जावेद अख्तर (Photo: Instagram)

बॉलीवुड के प्रख्यात गीतकार, कवि और पटकथा लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएँ दीं. इस दौरान उन्होंने यह याद दिलाना भी ज़रूरी समझा कि स्वतंत्रता थाली में परोस कर नहीं मिलती, बल्कि यह अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से अर्जित की गई है. जावेद अख्तर की इस पोस्ट पर एक इस्लामोफोबिक ट्रोल ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें 14 अगस्त को अपना ‘स्वतंत्रता दिवस’ मनाना चाहिए. (ज्ञात हो कि पाकिस्तान 14 अगस्त को और भारत 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है.) ट्रोल के इस बयान पर जावेद अख्तर ने हिंदी में करारा जवाब दिया: "बेटा, जब तुम्हारे पूर्वज अंग्रेजों के जूते चाट रहे थे, मेरे पूर्वज देश की आज़ादी के लिए काला पानी में मर रहे थे. अपनी हद में रहो."इस जवाब में ‘काला पानी’ का उल्लेख अंडमान द्वीप समूह की कुख्यात सेलुलर जेल के लिए था, जहां ब्रिटिश शासन के दौरान आज़ादी के दीवानों को अमानवीय परिस्थितियों में कैद किया जाता था. यह भी पढ़ें: Shilpa Shetty- Raj Kundra Meet Premanand Maharaj: शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा ने प्रेमानंद जी महाराज से की मुलाक़ात, बाबा ने कोई नशा न करने की दी सलाह

जावेद अख्तर का विरासत से जुड़ा स्वतंत्रता संग्राम

जावेद अख्तर का यह दावा कोई प्रतीकात्मक बात नहीं, बल्कि ऐतिहासिक हक़ीक़त है. उनके परदादा फ़ज़ल-ए-हक़ खैराबादी (1797–1861) भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम (1857) के एक प्रमुख चेहरा थे. उन्होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ फ़तवा जारी किया था और उसके परिणामस्वरूप उन्हें अंडमान की जेल में निर्वासित कर दिया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई.

जावेद अख्तर ने ट्रोलर को दिया करारा जवाब

जावेद अख्तर का पोस्ट और ट्रोल पर उनकी प्रतिक्रिया

उनके परिवार में कविता और प्रतिरोध की विरासत आगे भी जारी रही:

दादा: मुज़्तर खैराबादी – प्रसिद्ध शायर

पिता: जान निसार अख्तर – स्वतंत्रता, प्रतिरोध और सामाजिक न्याय पर केंद्रित कविताओं के लिए मशहूर

बार-बार निशाने पर, फिर भी मुखर

जन्म से मुसलमान और विचारों से नास्तिक जावेद अख्तर को अक्सर हिंदू दक्षिणपंथी ट्रोल्स का निशाना बनना पड़ता है, जो भारतीय मुसलमानों को ‘पाकिस्तानी’ कहकर उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाते हैं. लेकिन अख्तर हर बार तथ्यों और ऐतिहासिक सच के साथ उनका जवाब देने से नहीं चूकते.

Share Now

\