मुंबई, 3 दिसंबर: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) (NCB) ने बॉलीवुड-ड्रग्स माफिया की जांच में दो आरोपियों को राहत देने में कथित संदिग्ध भूमिका के लिए अपनी मुंबई जोनल यूनिट से दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया कि दोनों अधिकारियों की पहचान उजागर नहीं की गई है. दोनों जांच अधिकारियों पर दो आरोपियों हर्ष लिम्बाचिया (Harsh Limbachiya) और करिश्मा प्रकाश (Karishma Prakash) को नवंबर में क्रमश: जमानत और अंतरिम जमानत मिलने के बाद कार्रवाई की गई.
लिम्बाचिया हाई-प्रोफाइल टेलीविजन अदाकार और कॉमेडियन भारती सिंह के पति हैं, जबकि करिश्मा प्रकाश बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की मैनेजर हैं. लिम्बाचिया और करिश्मा प्रकाश दोनों के आवास पर पिछले महीने एनसीबी की टीमों द्वारा छापेमारी की गई थी, जहां से कुछ मात्रा में ड्रग्स बरामद किए गए थे.
पिछले चार महीनों से हाईप्रोफाइल मामलों की जांच कर रही एजेंसी ने इस मामले में कुछ अन्य अधिकारियों की संदिग्ध त्रुटि को लेकर एनसीबी की जांच के दायरे में आने की संभावना जताई है. हालांकि भारती (Bharti) और लिम्बाचिया को गिरफ्तार कर लिया गया था, मगर बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी. वहीं करिश्मा प्रकाश ने एनसीबी की जांच में शामिल होने को लेकर भेजे गए समन को नजरअंदाज करते हुए बाद में अंतरिम जमानत हासिल कर ली थी. इन दोनों ही घटनाक्रमों में दो आईओ की कथित भूमिका अब संदेह के घेरे में है.
अधिकारी ने संकेत दिया कि एनसीबी ने यह कदम जोनल निदेशक समीर वानखेड़े द्वारा आदेशित एक आंतरिक जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट पर उठाया है. इसमें वकीलों सहित कुछ अन्य लोगों की संभावित भागीदारी भी सामने आ सकती है. दो अधिकारियों के साथ ही एक वकील दो मामलों के संबंध में अदालत की सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं हुए. इस कारण से आरोपी को जमानत मिल गई थी.
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एक गिरफ्तार ड्रग पेडलर से मिली जानकारी के आधार पर एनसीबी ने करिश्मा प्रकाश पर शिकंजा कसा था. एनसीबी ने जब छापेमारी की थी तो वह अपने घर पर नहीं मिली थी. इसके बाद उन्हें समन जारी किया गया था. हालांकि प्रकाश ने समन को नजरअंदाज किया और एक अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया. अदालत ने उन्हें एनसीबी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया, जिसका उन्हें अनुपालन करना पड़ा.
एनसीबी ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की मांग की, क्योंकि उनके अनुसार, वह जांच में सहयोग नहीं कर रही थी. उनकी अग्रिम जमानत याचिका की अंतिम सुनवाई के दौरान अधिकारी और वकील अदालत में पेश नहीं हुए, जिसके बाद अदालत ने उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली.
भारती सिंह (Bharti Singh) और लिम्बाचिया को 22 नवंबर को उनके घरों और कार्यालय पर छापे के बाद गिरफ्तार किया गया था और प्रत्येक को 13 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.