Batla House Movie Review: देशभक्ति की भावना से भरपूर है जॉन अब्राहम की फिल्म, पढ़ें हमारा रिव्यू
फिल्म 'बाटला हाउस' का रिव्यू (Photo Credits: File Image)

स्वतंत्रता दिवस पर जॉन अब्राहम (John Abraham) एक बार फिर दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए तैयार है. उनकी फिल्म 'बाटला हाउस' (Batla House) कल सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है. फिल्म 'बाटला हाउस' साल 2008 में दिल्ली में हुए विवादित एनकाउंटर पर आधारित है. फिल्म में एनकाउंटर और उसके बाद की गई जांच को दिखाया गया है. जॉन अब्राहम ने फिल्म में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल अफसर का किरदार निभाया है. उनकी अदाकरी में कोई नयापन तो नहीं है पर तब भी वह प्रभावित करने में सफल होते हैं. निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी 'बाटला हाउस' में रोमांच और थ्रिल है मगर फिल्म में कुछ खामियां भी हैं.

कहानी: डीसीपी संजीव (जॉन अब्राहम) दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के प्रमुख ऑफिसर है. उनकी टीम दिल्ली में हुए ब्लास्ट की जांच कर रही होती है. इसी सिलसिले में टीम जांच करने बाटला हाउस इलाके में रह रहे कुछ युवाओं के घर पर जाती है. संजय के वहां पर पहुंचने से पहले ही उनकी टीम और उन युवाओं के बीच फायरिंग शुरू हो जाती है. पांच में से 3 युवा मारे जाते हैं और 2 फरार हो जाते हैं. इस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस का एक अफसर केके (रवि किशन) शहीद हो जाता है. मीडिया और लोगों का कहना होता है कि दिल्ली पुलिस द्वारा किया गया ये एनकाउंटर फर्जी है जबकि स्पेशल सेल का मानना है कि वो लोग एक आतंकवादी संगठन के साथ जुड़े थे. अब इस एनकाउंटर की सच्चाई जानने के लिए आपका इस फिल्म को देखना जरुरी है. फिल्म का पहला हाफ बेहद रोमांचक है मगर दूसरे हाफ का कोर्ट रूम ड्रामा थोड़ा मजा किरकिरा कर देता है. साथ ही फिल्म की एडिटिंग और स्क्रीनप्ले में भी कुछ खामियां देखने को मिलती है.

यह भी पढ़ें:- निर्देशक निखिल आडवाणी का बयान, कहा- 'बाटला हाउस' साबित करती है कि बॉलीवुड में एनकाउंटर फिल्मों का चलन रहेगा जारी

निर्देशन: निखिल आडवाणी का निर्देशन बढ़िया है. कुछ दृश्य बेहद प्रभावशाली हैं. जॉन अब्राहम के टैलेंट को उन्होंने बखूबी इस्तेमाल किया है. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस फिल्म को आप एक बार जरुर देख सकते हैं.

अभिनय: हम पहले ही बता चुके हैं कि जॉन की एक्टिंग में कुछ नयापन तो नहीं है मगर तब भी उनकी अदाकारी प्रभावित करती है. 'सुपर 30' की तरह मृणाल ठाकुर का रोल इस फिल्म में भी काफी कम है. रवि किशन भी स्क्रीन पर कम नजर आते हैं मगर उन्होंने अपना रोल बखूबी निभाया है.

म्यूजिक: फिल्म का म्यूजिक साधारण है. अंकित तिवारी द्वारा गाया गया 'रुला दिया' आपको पसंद आ सकता है. 'बाटला हाउस' का बैकग्राउंड स्कोर काफी अच्छा है.

फिल्म की खूबियां:

1. दमदार कहानी

2. जॉन अब्राहम की परफॉर्मेंस

3.सपोर्टिंग कास्ट का उम्दा अभिनय

फिल्म की खामियां:

1. फिल्म की एडिटिंग और स्क्रीनप्ले

2. कोर्टरूम ड्रामा वाले सीन्स

कितने स्टार्स ?

जॉन अब्राहम की फिल्म 'बाटला हाउस' को हम 3 स्टार्स देना चाहेंगे. फिल्म थोड़ी लंबी है मगर फिर भी आप इसे देखते वक्त बोर नहीं होंगे.

Rating:3out of 5