पिता हरिवंश राय बच्चन की इस कविता को गाकर अमिताभ बच्चन ने दिया कोरोना वायरस के अंधकार से लड़ने का हौसला (Video)
कोरोना वायरस के इस कहर के बीच अमिताभ बच्चन भी अपनी तरफ से मदद का हाथ आगे बढ़ा रहे हैं. हालांकि उन्होंने खुलकर नहीं बताया है कि वो किस तरह से लोगों की मदद कर रहें है
कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते पूरी दुनिया में भय का माहौल है. इस खतरनाक संक्रमण के चलते अब तक 70 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. भारत (India_ भी कोरोना वायरस का खतरा गहराता जा रहा है. 5 हजार से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. जिसमें से 149 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 402 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं. इस माहौल में लोग तरह तरह से मदद का हाथ आगे बढ़ा रहे हैं. ऐसे में महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पिता हरिवंश राय बच्चन की कविता को पढ़ते हुए एक वीडियो पोस्ट किया है. जिसे देखने के बाद साफ़ पता चलता है कि बिग बी इस निराशा भरे माहौल में सभी के अंदर जोश और हौसला जगाने की कोशिश कर रहे हैं.
इस वीडियो में अमिताभ हरिवंश राय बच्चन की कविता ‘है अंधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है?’ को पढ़ रहे हैं. इसे पोस्ट करते हुए अमिताभ बच्चन ने लिखा कि बाबूजी और उनकी आशा भारी कविता को याद करता हूं. बाबूजी कवि सम्मेलनों में ऐसे ही गा के सुनाया करते थे. 4 मिनट के इस वीडियो बिग बी बेहद शानदार अंदाज में इस कविता को पढ़ते है. जिसे सुनने के बाद किसी के भी अन्दर हौसला भर जाए. आप भी सुनिए अमिताभ बच्चन की जुबानी ये खास कविता.
आपको बता दे कि कोरोना वायरस के इस कहर के बीच अमिताभ बच्चन भी अपनी तरफ से मदद का हाथ आगे बढ़ा रहे हैं. हालांकि उन्होंने खुलकर नहीं बताया है कि वो किस तरह से लोगों की मदद कर रहें है लेकिन अपने एक पोस्ट में उन्होंने ये जरूर जाहिर कर दिया कि वो अपने दान को गुप्त रखना पसंद करेंगे.