आरे विवाद: मुंबईकरों के पक्ष में बोले रितेश देशमुख, कहा- पेड़ों को काटना समस्या का समाधान नहीं
रितेश देशमुख (Photo Credit- Twitter)

मेट्रो रेल यार्ड (Metro Rail Yard) बनाने के लिए मुंबई की आरे कॉलोनी (Aarey Colony) में पेड़ों की कटाई के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच अभिनेता रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh) ने इस स्थिति पर अपनी राय रखते हुए कहा है, "हम सभी को स्थायी शहरीकरण की आवश्यकता है और पुराने पेड़ों को काटना निश्चित रूप से समस्या का समाधान नहीं है."

रितेश ने आईएएनएस को बताया, "खर, मुझे लगता है कि एक लोकतांत्रिक देश में, हर किसी के पास विरोध करने का अधिकार है और मेरा स्पष्ट रूप से मानना है कि हर पेड़ पर जितना सरकार का अधिकार है उतना ही हम नागरिकों का भी है. चाहे मैं हूं या फिल्म जगत से मेरा कोई साथी हो, हम सभी आरे कॉलोनी में वनों की कटाई पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं. यह दुखद है."

अपनी बात को जारी रखते हुए रितेश ने आगे कहा, "यह वाकई बेहद दुखद है कि कोर्ट के आदेश के बाद, उन्होंने 15 दिनों तक का भी इंतजार नहीं किया और अब तक 2000 पेड़ काट दिए गए हैं. मैं शहरीकरण की महत्ता को समझता हूं, लेकिन हम उस विकास का क्या करेंगे, अगर वह ताजी हवा में लोगों के सांस लेने के लिए स्थायी न हो."

महाराष्ट्र राज्य (Maharashtra State) में तेजी से हो रहे शहरीकरण की बात पर जोर देते हुए रितेश ने कहा, "मैं यह नहीं कह रहा हूं कि शहर में उपस्थित सभी इमारतें पर्यावरण के अनुकूल हैं, लेकिन बिल्डर इस दिशा में काम कर रहे हैं, क्योंकि हमने इस पर बातचीत शुरू कर दी है. हमें जागरूकता पैदा करनी होगी और इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए यह जरूरी है."

रितेश के मुताबिक, "यह उन सभी की जिम्मेदारी है, जिन्हें लोगों के लिए जमीन के एक हिस्से को विकसित करने का मौका मिला है, जो पर्यावरण के अनुकूल हो और पर्यावरण के साथ सामंजस्य बनाए रखने वाला हो."

काव्या ग्रुप प्रोजेक्ट 'ग्रैंड्योर' के ब्रांड एंबेसडर के रूप में अपनी पत्नी व अभिनेत्री जेनेलिया डिसूजा (Genalia D'souza) के साथ आए रितेश ने कहा, "एक इंसान होने के नाते आपको सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा चाहिए और कुदरत के बिना आपको यह नहीं मिलेगा..स्थायी शहरीकरण जरूरी है."

मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एमएमआरसी-MMRC) ने बम्बई हाइकोर्ट (Bombay High Court) द्वारा आरे कॉलोनी से 2,464 पेड़ों की कटाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने के बाद मेट्रो रेल यार्ड के निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई शुरू कर दी.