विद्रोहियों के कब्जे वाली राजधानी सना में इन सभी नौ लोगों को सार्वजनिक तौर पर गोली मार दी गयी. ईरान समर्थक हूती विद्रोहियों ने बाद में इनकी तस्वीरें भी वितरित कीं. इस दौरान सैकड़ों लोग वहां मौजूद थे जिनमें से अधिकतर हूती के समर्थक थे. अधिकार समूहों द्वारा बार बार अपील किए जाने के बावजूद लोगों को मौत की सजा दी गयी. कार्यकर्ताओं एवं अधिवक्ताओं ने हत्या को रोकने और संदिग्धों के मामलों की दोबारा सुनवाई करने की अपील की थी. उनका कहना था कि यह मुकदमा विद्रोही के कब्जे वाली अदालत में चला जो त्रुटिपूर्ण था, जहां नौ लोगों को मौत की सजा सुनायी गयी.
अदालत के दस्तावेजों के अनुसार विद्रोहियों ने अप्रैल 2018 में सालेह अल समद की हत्या के लिये 60 लोगों को आरोपी बनाया है जिसमें ये नौ लोग शामिल थे. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी आरोपी बनाया गया है. दस्तावेज के अनुसार इसमें पश्चिमी देशों, इस्राइल एवं खाड़ी अरब देशों के नेताओं को भी आरोपी बनाया गया है.
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हूती ने नौ लोगों के खिलाफ सउदी अरब की अगुवाई वाले गठबंधन के लिये जासूसी करने का आरोप लगाया था जो यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को सत्ता में वापस लाने के प्रयास में वर्षों से विद्रोहियों के खिलाफ युद्ध छेड़ रहा है.
अल समद हूती समर्थित राजनीतिक संगठन का अध्यक्ष था. सउदी अरब की अगुवाई वाले गठबंधन के हवाई हमले में अल समद अपने छह साथियों के साथ मारा गया था. जिन नौ लोगों को मौत की सजा दी गयी है उनमें 17 साल का एक किशोर भी शामिल था जिसे समद के मारे जाने के कुछ महीनों बाद गिरफ्तार किया गया था.
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