नयी दिल्ली, 26 अगस्त दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बृहस्पतिवार सुबह थोड़ा बढ़ा और नदी अब चेतावनी के निशान के करीब बह रही है।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि कहा कि बुधवार शाम छह बजे पुराने रेलवे पुल पर नदी का जलस्तर 203.68 मीटर दर्ज किया गया था जो बृहस्पतिवार सुबह बढ़कर 203.77 हो गया।
अधिकारी ने कहा कि अगर हरियाणा में यमुनानगर जिले के हथिनीकुंड बैराज से नदी में बड़ी मात्रा में, कम से कम दो लाख क्यूसेक पानी नहीं छोड़ा जाता है तो यह चेतावनी के निशान, 204.50 मीटर के नीचे ही बहती रहेगी।
हथिनीकुंड बैराज से सुबह आठ बजे 18,111 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा जा रहा था।
यह भी पढ़े | दिल्ली: विजय माल्या की समीक्षा याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित.
उन्होंने बताया, ‘‘ बुधवार को देपहर दो बजे प्रवाह दर 24,994 थि, जो पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा रही।’’
एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकेंड के बराबर होता है।
सोमवार को नदी का जलस्तर 204.38 मीटर तक पहुंच गया था जो कि खतरे के निशान, 205.33 मीटर से सिर्फ एक मीटर कम था।
बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में सामान्य तौर पर 36-48 घंटे का समय लगता है। इस बैराज से ही दिल्ली को पेयजल मुहैया होता है।
सामान्य तौर पर हथिनीकुंड बैराज में प्रवाह दर 352 क्यूसेक होती है लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद पानी छोड़ने की मात्रा बढ़ा दी जाती है।
पिछले साल 18-19 अगस्त को प्रवाह दर 8.28 लाख क्यूसेक तक पहुंच गई थी और यमुना नदी का जलस्तर 206.60 मीटर पर पहुंच गया था, जो खतरे के निशान 205.33 से ऊपर है।
निचले इलाकों में पानी भरने के बाद दिल्ली सरकार ने बचाव और राहत अभियान शुरू किया था। वहीं 1978 में यह नदी अब तक के रिकॉर्ड जलस्तर 207.49 तक पहुंच गई थी। इसके बाद 2013 में जलस्तर 207.32 मीटर दर्ज किया गया।
दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को कहा कि सरकार बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तर पश्चिम भारत में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है जिससे नदी का जलस्तर बढ़ सकता है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)