कोलकाता, नौ जनवरी यादवपुर विश्वविद्यालय के शिक्षकों के प्रतिनिधि निकाय ने बृहस्पतिवार को संस्थान के कथित वित्तीय संकट को दूर करने के लिए प्रशासन से संसाधन जुटाने और सभी हितधारकों से स्थिति पर ध्यान देने का आग्रह किया।
यादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने एक बयान में दावा किया कि विश्वविद्यालय ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में "रखरखाव-संबंधी खर्चों" के लिए अपने राजस्व से 34.97 करोड़ रुपये खर्च किए।
संघ के सचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा, "प्रयोगशाला शिक्षण और अन्य संबद्ध कार्यों के लिए व्यय में 40 प्रतिशत की कटौती के बावजूद इस घाटे को रोका नहीं जा सका।"
उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति कई वर्षों से जारी है और वित्त एवं कार्यकारी समितियों ने तथ्यों को जानने के बावजूद अब तक इस पर कार्रवाई नहीं की है।
रॉय ने आशंका जताई कि यदि संकट जारी रहा तो विश्वविद्यालय को वित्तीय संस्थानों से धन उधार लेना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि संस्थान को इंजीनियरिंग संकाय के पांच विभागों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अपने कोष से कई करोड़ रुपये खर्च करने पड़े।
संघ ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल उच्च शिक्षा विभाग विश्वविद्यालय की सहायता के लिए आगे नहीं आया है, जबकि यह विश्वविद्यालय एक प्रतिष्ठित संस्थान के तौर पर जाना जाता है और शिक्षा व उन्नत अनुसंधान में अपने अग्रणी योगदान के लिए यह देश भर में प्रसिद्ध है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)