नयी दिल्ली, दो जनवरी कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि देश में ‘गोल्ड लोन’ (सोना गिरवी रखकर ऋण लेना) में अदायगी नहीं करने के मामले बढ़ रहे हैं और आम लोगों को अपनी सोने की संपत्ति खोनी पड़ रही है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकसभा चुनाव के समय दिए एक बयान का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि गलत प्राथमिकताओं के कारण यह सरकार ‘‘महिलाओं से मंगलसूत्र छीनने वाली’’ इकलौती सरकार बन गई है।
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी सभा में कहा था कि देश की संपत्ति को लूटने का अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझने वाली कांग्रेस की नजर अब महिलाओं के मंगलसूत्र पर है।
रमेश ने बृहस्पतिवार को एक खबर साझा करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘जब प्रधानमंत्री मंगलसूत्र छीनने की एक काल्पनिक साज़िश को लेकर लोगों को डरा रहे थे, तब हमने उनके कार्यकाल के दौरान गोल्ड लोन में तेज़ी से हुई वृद्धि का मुद्दा उठाया था। अनुमानित रूप से क़रीब 3 लाख करोड़ रुपये के गोल्ड लोन भारतीय परिवारों के पास हैं, जो आज तक बकाया हैं।’’
उन्होंने दावा किया कि कर्ज के बोझ में दबने के बढ़ते मामले और अर्थव्यवस्था के सुस्त होने के साथ, ‘गोल्ड लोन’ की अदायगी नहीं होने के मामले भी बढ़ रहे हैं।
रमेश के अनुसार, वर्ष 2024 में मार्च और जून के बीच तीन महीनों में गोल्ड लोन से संबंधित गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का अनुपात 30 प्रतिशत बढ़ा है और यह 5,149 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,696 करोड़ रुपये हो गया है।
उनका कहना था, ‘‘ये तो सिर्फ औपचारिक क्षेत्र के गोल्ड लोन हैं। इसका कोई अनुमान नहीं है कि कितने परिवारों ने अनौपचारिक क्षेत्र का सहारा लेकर इस तरह का ऋण लिया हुआ है।’’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘जब परिवार इस तरह के ऋण के मामलों में अदायगी नहीं करते हैं, तब आम तौर पर उन्हें अपनी सोने की संपत्ति खोनी पड़ती है, ज़्यादातर मामलों में महिलाओं के आभूषण होते हैं, जिसमें मंगलसूत्र भी शामिल है।’’
रमेश ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के ‘मित्र पूंजीवाद’, मनमौजी नीति निर्माण और ग़लत प्राथमिकताओं ने इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास में महिलाओं से मंगलसूत्र छीनने वाली एकमात्र सरकार बना दिया है।
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