विदेश की खबरें | चीन की धमकी के आगे झुकेंगे नहीं : ताइवान की राष्ट्रपति साई
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. साई ने यह बयान ऐसे समय दिया है जब रूस के यूक्रेन के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई के बाद चीन का उस पर दबाव बढ़ता जा रहा है और चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के पांच वर्ष पर होने वाले महासम्मेलन में दोहराया गया है कि ताइवान उसका हिस्सा है और जरूरत पड़ने पर वह बल प्रयोग भी कर सकता है।
साई ने यह बयान ऐसे समय दिया है जब रूस के यूक्रेन के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई के बाद चीन का उस पर दबाव बढ़ता जा रहा है और चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के पांच वर्ष पर होने वाले महासम्मेलन में दोहराया गया है कि ताइवान उसका हिस्सा है और जरूरत पड़ने पर वह बल प्रयोग भी कर सकता है।
ताइपे में जुटे दुनियाभर से आए लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए साई ने कहा कि शीत युद्ध के बाद से लोकतांत्रिक और उदार समाज सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ रूस का बिना उकसावे यूक्रेन पर हमला इसका सबसे प्रमुख उदाहरण है। यह दिखाता है कि अधिनायकवादी सत्ता विस्तारवादी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कुछ भी कर सकती है।’’
साई ने सैन्य उकसावे की कार्रवाई, साइबर हमले और आर्थिक दबाव का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘ ताइवान की जनता इस तरह की आक्रमकता से वाकिफ है। हाल के वर्षों में ताइवान को चीन के बढते आक्रमक खतरे का सामना करना पड़ रहा है।’’
उल्लेखनीय है कि चीन के बढ़ते खतरे के मद्देनजर ताइवान को अपने रक्षा बजट में वृद्धि करनी पड़ी है और सभी ताइवानी पुरुषों के लिए एक निश्चित अवधि के लिए राष्ट्रीय सेवा को अनिवार्य किया गया है।
साई ने कहा, ‘‘हालांकि, लगातार खतरों के साए में रहने के बावजूद ताइवान के लोगों ने कभी चुनौतियों से नजर नहीं चुराई’’ और उन अधिनायकवादी ताकतों के खिलाफ लड़े जो उनके लोकतांत्रिक जीवनशैली को कमतर कर आंकते हैं।’’
साई ने लोकतंत्र के लिए विश्व आंदोलन की परिचालन समिति के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस बैठक की अध्यक्षता वर्ष 2021 की नोबेल पुरस्कार विजेता मारिया रेसा कर रही थीं।
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