जरुरी जानकारी | देश में एफडीआई की रफ्तार तेज रहने से कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था में आएगा सुधार : आईएचएस मार्किट
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. कोविड-19 का प्रभाव कम होने से 2020 की दूसरी छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था के उबरने की संभावना है। आईएचएस मार्किट ने यह अनुमान लगाया है।
नयी दिल्ली, 23 जुलाई कोविड-19 का प्रभाव कम होने से 2020 की दूसरी छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था के उबरने की संभावना है। आईएचएस मार्किट ने यह अनुमान लगाया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपने परिदृश्य में आईएचएस मार्किट ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
इसमें कहा गया है कि इस महामारी की वजह से अप्रैल और मई में देश में औद्योगिक उत्पादन और उपभोग खर्च बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
आईएचएस मार्किट ने कहा, ‘‘गंभीर नकारात्मक प्रभाव से अप्रैल-जून की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आएगी। इससे 2020-21 में अर्थव्यवस्था मंदी में जा सकती है। सालाना आधार पर जीडीपी में 6.3 प्रतिशत की गिरावट आएगी।’’
हालांकि, अब लॉकडाउन अंकुशों में ढील के बाद हालिया आर्थिक आंकड़ों में सुधार दिखा है।
आईएचएस मार्किट के खरीद प्रबंधक सर्वे के अनुसार जून में देश में अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुधरी है। मई और जून में कोविड-19 से संबंधित पाबंदियों में ढील के बाद अब स्थिति सुधर रही है। देश में 25 मार्च से पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया था। मई से लॉकडाउन अंकुशों में ढील देने की शुरुआत हुई थी।
आईएचएस मार्किट के एशिया-प्रशांत के मुख्य अर्थशास्त्री राजीव बिस्वास ने कहा, ‘‘महामारी का असर कम होने के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था उबरेगी। 2020 की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा। अगले वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहेगी।’’
महामारी की वजह से लघु अवधि में नकारात्मक झटकों के बावजूद देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की रफ्तार तेज बनी हुई है। 2020 के पहले सात माह में प्रौद्योगिकी कंपनियों ने देश में 17 अरब डॉलर का निवेश किया है। इसमें जुलाई के मध्य में गूगल द्वारा 10 अरब डॉलर के नए निवेश की घोषणा भी शामिल है। आईएचएस मार्किट ने कहा कि फेसबुक, अमेजन और फॉक्सकॉन जैसी वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों ने भी भारत में नए निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।
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