नयी दिल्ली, 11 मार्च केन्द्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि निजी क्षेत्र के सहयोग से कोविड-19 टीके की खुराकों को तेजी से देना संभव हो सका है और 23 प्रतिशत से अधिक खुराकों को दिया जा चुका है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना वायरस की 71.23 प्रतिशत खुराकें दी गई है जबकि इन खुराकों में से 28.77 प्रतिशत निजी अस्पतालों के सहयोग से दी गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘निजी क्षेत्र के अस्पतालों के सक्रिय सहयोग से टीके की खुराकों को तेजी से देना संभव हो सका है।’’
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना, केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) और राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं के तहत आते हैं।
उन्होंने कहा कि ओडिशा, महाराष्ट्र, दिल्ली और तेलंगाना जैसे स्थानों पर जहां ये उपरोक्त तीन श्रेणियां नहीं हैं, उन्हें भी इस तरह के निजी अस्पतालों की सुविधा दी गई है।
भूषण ने कहा कि चार मार्च को 24 घंटे में 10 लाख टीके लगाये गये जबकि आठ मार्च को 24 घंटे में 20 लाख टीके लगाये गये।
यह पूछे जाने पर कि क्या टीकाकरण की गति कम हो गई है, स्वास्थ्य सचिव ने कहा, ‘‘हम जो देख रहे हैं वह एक सतत वृद्धि है। हम कोई दौड़ जीतने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी प्रणाली को लचीला बनाया है, ताकि जिन निजी अस्पतालों के पास क्षमता है, वे सप्ताह में सात दिन 24 घंटे टीकाकरण कर सकें।
भूषण ने उन राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों का आंकड़ा भी दिया जहां निजी अस्पतालों में टीकाकरण राष्ट्रीय औसत से कम है। उन्होंने इन क्षेत्रों में निजी अस्पतालों के प्रतिशत का आंकड़ा भी दिया।
इन राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मेघालय, छत्तीसगढ़ और ओडिशा शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ये वे राज्य / केंद्र शासित प्रदेश हैं जहां हमने अनुरोध किया है कि निजी अस्पतालों को बड़े पैमाने पर टीकाकरण करने की जरूरत है।’’
भूषण ने कहा कि बृहस्पतिवार दोपहर एक बजे तक कोविड-19 टीकों की 2,56,90,545 खुराकें दी गयी हैं। इनमें 67,86,086 बुजुर्ग और विभिन्न रोगों से ग्रस्त 45-60 उम्र समूह वाले लोग थे।
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