देश की खबरें | डिजिटल क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म शुरू नहीं किया गया तो कार्रवाई करेंगे: उच्च न्यायालय

नयी दिल्ली, 14 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि अगर केंद्र महंगी दवाओं और दुर्लभ बीमारियों के इलाज के दृष्टिगत क्राउड फंडिंग के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का संचालन करने में विफल रहता है, तो जानबूझकर आदेश का अनुपालन नहीं करने के लिए कार्रवाई की जायेगी।

उच्च न्यायालय ने कहा कि डिजिटल क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म को 31 मार्च तक संचालित करने के 28 जनवरी के विशिष्ट निर्देशों के बावजूद अब तक ऐसा नहीं किया गया है।

अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल चेतन शार्म ने न्यायमूर्ति रेखा पल्ली को बताया कि वह इस बात से अवगत नहीं हैं कि यह प्लेटफॉर्म काम कर रहा है अथवा नहीं ।

केंद्र सरकार के अधिवक्ता से इस बारे में निर्देश मांगे जाने का आदेश देते हुये न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह अदालत जानबूझ कर आदेश के गैर अनुपालन के लिये कार्रवाई करने के लिये बाध्य होगी ।’’

अदालत ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से चेतावनी देते हुये कहा, ‘‘मुझे कहना पड़ेगा कि आप अदालत की अवमानना कर रहे हैं ।’’

डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) तथा म्युकोपॉलीसेकराइडोसिस 2 अथवा एमपीएस-2 जैसी दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चों की ओर से दायर विभिन्न याचिकाओं पर अदालत सुनवाई कर रही थी जिसमें केंद्र को उन्हें निर्बाध और मुफ्त इलाज देने का निर्देश दिये जाने की मांग की गयी थी क्योंकि यह चिकित्सा बहुत महंगी है।

इस साल 28 जनवरी को न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को दुर्लभ बीमारियों के इलाज एवं दवाओं के लिये डिजिटल क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म शुरू करने का निर्देश दिया था ।

अदालत ने यह भी कहा था कि वह 31 मार्च तक नीति को अंतिम रूप देने और डिजिटल प्लेटफॉर्म को चालू करने का निर्देश जारी कर रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक हलफनामा दायर कर कहा गया था कि दोनों कामों को 31 मार्च तक पूरा कर लिये जाने की संभावना है ।

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