कोलकाता, 26 दिसंबर बांग्लादेशी संत चिन्मय कृष्ण दास के वकील रवींद्र घोष ने बृहस्पतिवार को दोहराया कि वह अनेक चुनौतियों के बावजूद अगले वर्ष दो जनवरी को पड़ोसी देश की अदालत में अपने मुवक्किल की तरफ से पेश होंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि दास को लंबे समय तक जेल में रहने की कोशिश की जा रही है।
घोष फिलहाल इलाज के लिए पश्चिम बंगाल के बैरकपुर में हैं। उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने यह मामला अपने हाथ में लिया है, तब से उन पर “लगातार दबाव” बना हुआ है।
वरिष्ठ वकील ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “मुझे धमकियां मिल रही हैं, लेकिन मैं डरता नहीं हूं। मैं अन्याय के खिलाफ लड़ना जारी रखूंगा और मानवता की सेवा करूंगा। मौत मुझे डराती नहीं है, और कोई भी धमकी मुझे रोक नहीं पाएगी।”
बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता दास को एक रैली के लिए चट्टगांव जाते समय ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय से गिरफ्तार किया गया था।
बांग्लादेशी अदालत ने जमानत देने से इनकार करते हुए दास को दो जनवरी 2025 तक जेल भेज दिया है।
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास बृहस्पतिवार को व्यक्तिगत रूप से, घोष को शहर के इस्कॉन मंदिर लेकर आए।
कोलकाता प्रवास के दौरान घोष ने आगामी सुनवाई के लिए रणनीति बनाने के वास्ते कलकत्ता उच्च न्यायालय के वकीलों से परामर्श करने की योजना बनाई है।
घोष ने कहा, “अगर मेरा स्वास्थ्य अनुमति देता है, तो मैं दो जनवरी को चिन्मय दास का प्रतिनिधित्व करने के लिए अदालत में उपस्थित रहूंगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि न्याय हो।”
नोमान अविनाश
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