कोच्चि (केरल), 31 मार्च केरल उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उपराध शाखा से पूछा कि अभिनेत्री के साथ दुर्व्यवहार के 2017 के मामले में अभिनेता दिलीप और अन्य द्वारा जांच अधिकारियों को धमकी देने और हत्या करने की साजिश का खुलासा करने में बालचन्द्र कुमार ने चार साल की देरी क्यों की और क्या इससे ऐसा नहीं लगता कि उनकी ‘मंशा गलत’ है।
न्यायमूर्ति जियाद रहमान ए. ए. ने जांच एजेंसी से सवाल किया, ‘‘खुलासा करने में देरी के पीछे उन्होंने (कुमार) वजह क्या बतायी है? उनके पास शुरुआत से रिकॉर्डिंग थी। वह उस वक्त आरोपी के परिवार के करीब थे। क्या इससे ऐसा नहीं लगता कि बालचन्द्र कुमार की मंशा गलत है।’’
अदालत में एजेंसी की ओर से उपस्थित अभियोजन के महानिदेशक टी. ए. शाजी और अवर लोक अभियोजक पी. नारायणन से न्यायमूर्ति जियाद रहमान ने यह सवाल किया। अदालत अभिनेता दिलीप के खिलाफ दर्ज हत्या की साजिश का मुकदमा रद्द करने या मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
अदालत के सवालों के जवाब में डीजीपी ने कहा कि देरी के कारणों की जांच की जाएगी और इसका एक कारण संभवत: अभिनेता दिलीप के साथ उनके करीबी संबंध भी है।
डीजीपी ने कहा कि इसमें कुमार का चरित्र प्रासंगिक नहीं है क्योंकि इस मामले को आगे बढ़ाने के पहले 18 अलग-अलग बिन्दुओं पर उनके बयान का सत्यापन किया गया है और उनकी साख परखी गयी है।
डीजीपी ने कहा, ‘‘जांच टीम सिर्फ इस आधार पर आगे नहीं बढ़ी है कि वह वेदवाक्य बोल रहे हैं।’’
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