नयी दिल्ली, 16 मई: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता चुनने के लिए मंगलवार को राहुल गांधी समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ मंत्रणा की. खरगे के आवास पर हुई बैठक में उनके और राहुल गांधी के अलावा पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला शामिल हुए. यह भी पढ़ें: Karnataka: कर्नाटक भाजपा कर रही आत्मनिरीक्षण, हार को एक चुनौती के रूप में किया स्वीकार
उधर, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार आज दिल्ली पहुंच गए हैं और वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात कर सकते हैं. शिवकुमार सोमवार को ही दिल्ली आने वाले थे, लेकिन पेट में संक्रमण का हवाला देते हुए उन्होंने अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी थी.
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया सोमवार से ही दिल्ली में मौजूद हैं. ये दोनों नेता मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. बेंगलुरु में शिवकुमार ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी मेरा मंदिर है, कांग्रेस पार्टी हमारी सबसे बड़ी ताकत है इसलिए किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है.’’ कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पार्टी के तीनों पर्यवेक्षकों के साथ सोमवार को गहन मंत्रणा की थी, लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका था.
खरगे ने कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने के लिए वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। तीनों पर्यवेक्षकों ने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से अलग-अलग बात कर उनकी राय जानी थी और फिर उन्होंने खरगे को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
कांग्रेस विधायक दल की रविवार शाम बेंगलुरु के एक निजी होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष खरगे को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया, जो कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बनेगा. राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट अपने नाम कीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीट जीतीं.
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