डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने महिला चिकित्सक के ट्वीट के जवाब में कहा कि वह इस तरह के आरोपों से स्तब्ध हैं. घेब्रेयेसस ने इस मामले में व्यक्तिगत रूप से सहायता करने की पेशकश की, डब्ल्यूएचओ ने आरोपी कर्मी को निलंबित कर दिया है और एजेंसी ने जांच शुरू कर दी है जो जल्द पूरी हो सकती है. ‘द एसोसिएटिड प्रेस’ को प्राप्त आंतरिक दस्तावेजों के अनुसार डब्ल्यूएचओ कर्मी और फिजी के चिकित्सक टेमो वकानिवालू पर कई साल पहले एक अन्य महिला ने भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये थे. दस्तावेजों के अनुसार इन आरोपों के बारे में एजेंसी के वरिष्ठ निदेशकों और अन्य को 2018 में सूचित किया गया था और शिकायतकर्ता से कहा गया कि औपचारिक तरीके से जांच कराना उनके लिए अनुकूल नहीं रहेगा.
वकानिवालू के खिलाफ पहले लगे आरोपों के संबंध में दस्तावेज उपलब्ध कराने में मदद करने वाले डब्ल्यूएचओ के एक पूर्व अधिकारी ने दोनों महिलाओं के आरोपों में समानता की बात की. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने तब कदाचार को रोकने का एक मौका गंवा दिया. नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर समाचार एजेंसी से बातचीत में पूर्व कर्मी ने कहा, ‘‘मुझे इस बात पर बहुत गुस्सा आ रहा है और अफसोस हो रहा है कि निष्क्रिय न्याय प्रणाली की वजह से एक और उत्पीड़न का मामला सामने आया जिससे बचा जा सकता था.’’ पहले लगे आरोपों के बाद वकानिवालू के करियर पर कोई असर नहीं पड़ा था. नये आरोप ऐसे समय में सामने आये हैं जब वह खुद को बड़ी जिम्मेदारी के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं. वह पश्चिम प्रशांत क्षेत्र में डब्ल्यूएचओ के शीर्ष अधिकारी बनना चाह रहे हैं. यह भी पता चला है कि फिजी के प्रधानमंत्री, अन्य प्रशांत क्षेत्रीय द्वीपों और डब्ल्यूएचओ कर्मियों का उन्हें समर्थन प्राप्त है. यह भी पढ़ें : COVID-19 Update: भारत में कोविड-19 के 121 नए मामले, 1 व्यक्ति की मौत
वकानिवालू ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने के ‘एपी’ के संदेशों का कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि उनके और डब्ल्यूएचओ के जांचकर्ताओं के बीच हुई बातचीत के बारे में पता चला है कि आरोपी चिकित्सक ने किसी भी महिला का यौन उत्पीड़न करने के आरोपों को खारिज कर दिया है. आरोपी ने कहा कि बर्लिन में कोई गलतफहमी हुई हो सकती है और दावा किया कि आरोप लगाने वाली महिला संभवत: ‘शराब के नशे में’ थीं. डब्ल्यूएचओ ने एक ईमेल में बताया कि वह गोपनीयता तथा प्रक्रिया संबंधी कारणों से अलग-अलग मामलों में कोई टिप्पणी नहीं कर सकता, लेकिन एजेंसी में कार्यरत किसी भी कर्मी द्वारा यौन कदाचार अस्वीकार्य है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि बर्लिन सम्मेलन के संबंध में दायर शिकायत की जांच अंतिम चरण में है और रिपोर्ट जल्द टेड्रोस को सौंप दी जाएगी जिसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा.