डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानम घेब्रेयेसस ने ट्रंप के फैसले के बाद ट्विटर पर लिखा, ‘‘समय बर्बाद नहीं किया जा सकता। डब्ल्यूएचओ का ध्यान केवल सभी लोगों की सेवा करने पर है जिससे लोगों की जान बचाई जा सके और कोविड-19 महामारी को रोका जा सके।’’
ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि वह तब तक डब्ल्यूएचओ को दी जाने वाली धनराशि रोक रहे हैं जब तक कोरोना वायरस के प्रकोप को ढुलमुल तरीके से संभालने और इसे छिपाने में संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी की कथित भूमिका की समीक्षा नहीं हो जाती।
डब्ल्यूएचओ के वित्तीय कोष में अमेरिका सबसे बड़ा योगदान देता है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, ‘‘संगठन की कोविड-19 से निपटने की संशोधित वैश्विक रणनीति में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के प्रावधान हैं जिनमें स्थानीय संदर्भ में रणनीतिक कार्रवाई के लिए व्यावहारिक दिशानिर्देश शामिल हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ महीनों में कोविड-19 के बारे में हमने यह बात प्रमुखता से सीखी है कि जितनी तेजी से सभी मामलों का पता लगाया जाता है, जांच की जाती है, लोगों को पृथक रखा जाता है और उनकी देखभाल की जाती है, उतना ही वायरस का फैलना मुश्किल हो जाता है।’’
ट्रंप के फैसले की संयुक्त राष्ट्र, रूस, चीन, यूरोपीय संघ, अफ्रीकी संघ आदि ने और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने भी आलोचना की है।
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