देश की खबरें | डब्ल्यूएचओ ने दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों से कोविड टीकाकरण तेज करने को कहा

नयी दिल्ली, एक जुलाई विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को दक्षिण-पूर्व एशिया में देशों से कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान तेज करने का आह्वान किया क्योंकि क्षेत्र में फिर से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।

डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र में कोविड-19 रोधी टीके की खुराक देने को लेकर काफी प्रगति हुयी है ,लेकिन कई देश जून अंत तक अपनी 70 प्रतिशत आबादी को टीके की सभी प्राथमिक खुराकें देने का वैश्विक लक्ष्य गंवा चुके हैं।

डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि कोविड-19 रोधी टीके की खुराकें सभी स्वरूपों से गंभीर बीमारियों और मौतों के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा मुहैया कराती है। हमें स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों, वयस्कों, अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों और गर्भवती महिलाओं के तेजी से टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। महामारी अभी तक खत्म नहीं हुई है, हमें समुदायों की सुरक्षा के अपने प्रयासों को बढ़ाना चाहिए।’’

उन्होंने अपनी 70 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 टीकाकरण की प्राथमिकी खुराकें देने वाले देशों को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि भूटान में 89 प्रतिशत आबादी को सभी प्राथमिक खुराकें दे दी गयी, थाईलैंड में 79.9 प्रतिशत, मालदीव में 70.4 प्रतिशत और बांग्लादेश में 70.2 प्रतिशत आबादी को प्राथमिक खुराकें दे दी गयी है। नेपाल 69.3 प्रतिशत के साथ जून अंत तक टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने के करीब है।

डॉ. सिंह ने कहा, ‘‘जल्द ही कोविड-19 रोधी टीके की दो अरब खुराकें देने वाला भारत में इस क्षेत्र में दी गयी कोविड-19 रोधी कुल खुराकों की करीब दो-तिहाई संख्या है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें भारत के शानदार प्रयासों और ऐसे वक्त में कोविड-19 रोधी टीके मुहैया कराने में अन्य देशों को उसके समर्थन की सराहना करनी चाहिए जब वैश्विक स्तर पर टीके की आपूर्ति सीमित थी।’’

क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि कोविड-19 कोई मामूली बीमारी नहीं है बल्कि अगर कोई स्वस्थ है तो भी यह गारंटी नहीं है कि उसमें संक्रमण हल्का होगा। टीकाकरण से कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार पड़ने का खतरा कम हो जाता है। अब सभी देशों के पास कोविड-19 रोधी कई टीके हैं और टीकों की कोई कमी नहीं है।

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