नयी दिल्ली, 24 अप्रैल सरकार की गेहूं खरीद चालू विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में अबतक 12 प्रतिशत बढ़कर 111 लाख टन हो गई है। साल भर पहले की समान अवधि में यह 99 लाख टन रही थी। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘गेहूं की खरीद का काम सुचारू ढंग से चल रहा है।'
अधिकारी ने कहा कि खरीद प्रक्रिया से अबतक लगभग 11,89,237 किसान लाभान्वित हुए हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मद पर 23,663.63 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
हाल ही में बेमौसम बारिश के कारण कुछ प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की फसल प्रभावित हुई थी और केंद्र ने पांच राज्यों - मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है जो राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद करती है। खरीद न केवल किसानों के हितों की रक्षा के लिए की जाती है बल्कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले बफर स्टॉक को बनाए रखने के लिए भी की जाती है।
सरकार ने विपणन वर्ष 2023-24 के लिए 3.42 करोड़ टन का खरीद लक्ष्य निर्धारित किया है, जबकि वर्ष 2022-23 में 1.9 करोड़ टन की वास्तविक खरीद की गई थी।
पिछले साल गर्मी की लू के कारण घरेलू गेहूं उत्पादन में गिरावट के कारण गेहूं की खरीद में कमी आई थी।
हालांकि, इस साल गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11 करोड़ 21.8 लाख टन रहने का अनुमान है और सरकार को हाल की बेमौसम बारिश के प्रभाव के बावजूद इस लक्ष्य को हासिल करने का भरोसा है।
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