देश की खबरें | हमने आधे चुनावी वादे दो साल में ही पूरे कर दिखाए: गहलोत
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

जयपुर, 25 दिसंबर राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार ने अपने आधे चुनावी वादे पहले दो साल में ही पूरे कर दिए तथा आने वाले तीन साल में वह और अधिक मजबूती से काम करेगी।

इसके साथ ही गहलोत ने भाजपा पर आरोप लगाया कि एक भी मुसलमान को चुनावों में टिकट नहीं देने वाली पार्टी ने एक मुसलमान का इस्‍तेमाल उनकी सरकार गिराने के षडयंत्र में किया।

गहलोत ने कहा,‘‘ चुनावी घोषणा पत्र में किये लगभग 500 वादों में से दो वर्ष में ही यदि 50% वादे पूरे हो जाएं इससे बड़ी उपलब्धि क्या हो सकती है।’’

उन्होंने कहा,‘‘कोविड-19 की चुनौती को हमने अवसर में बदला। ‘राजस्थान सतर्क है’ और ‘कोई भूखा ना सोये’ के संकल्प के साथ जीवन और आजीविका बचाने का पूरा ध्यान रखा।’’

गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार आने वाले तीन साल में और अधिक मजबूती के साथ काम करेगी।

अपनी सरकार के दो साल पूरे होने पर यहां मीडिया से संवाद करते हुए गहलोत ने आरोप लगाया कि चुनावों में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं देने वाली भाजपा ने एक मुसलमान नेता का इस्‍तेमाल पिछले दिनों उनकी सरकार गिराने के षडयंत्र में किया।

गहलोत ने यह आरोप भाजपा के राज्‍यसभा सदस्‍य सैयद जफर इस्‍लाम पर राज्‍य में जुलाई महीने में उपजे राजनीतिक संकट में विधायकों की कथित खरीद फरोख्‍त में कथित तौर पर शामिल होने का आरोप लगाते हुए लगाया।

उस समय तत्‍कालीन उप मुख्‍यमंत्री सचिन पायलट ने अनेक विधायकों के साथ बगावत की थी जिससे गहलोत सरकार की स्थिरता को लेकर सवाल उठा था।

गहलोत ने कहा कि भाजपा ने बिहार व उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में मुसलमानों को ‘एक दिखावटी टिकट तक’ नहीं दी लेकिन एक मुसलमान का इस्‍तेमाल चुनी हुई सरकार गिराने में करती है।

अपनी सरकार पर आए संकट का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा,‘‘ सब हथियार उन्होंने अपना लिए। चाहे धर्मेंद्र प्रधान हो या चाहे जफर इस्लाम... एक नया जफर इस्लाम पैदा हुआ है देश में... जो चाहे मध्य प्रदेश की सरकार हो या राजस्थान की ... एक मुसलमान को टिकट नहीं देती भाजपा। विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 400 और बिहार में 250 के करीब टिकट दी जाती हैं भाजपा एक टिकट किसी मुसलमान को नहीं देती। और मुसलमानों को सरकारें गिराने के लिए इस्तेमाल कर रही है।’’

उल्‍लेखनीय है कि गहलोत ने कुछ दिन पहले भी एक कार्यक्रम में कहा था कि उस संकट के समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कांग्रेस के बागी विधायकों से मिले थे।

गहलोत ने कहा,‘‘हमारे विधायकों की जब मुलाकात हुई अमित शाह से तो वहां धर्मेन्द्र प्रदान बैठे हुए थे तथा ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा में ले जाने वाले सैयद जफर इस्लाम बैठे थे।’’

एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा,‘‘ भाजपा ने इस देश में लोकतंत्र के साथ विश्वासघात किया है। आप लोकतांत्रिक ढंग से जीतने की बात करते हो... जीतते हो और आप जो आचरण कर रहे हो वह लोकतंत्र के अनुकूल नहीं है। यह बहुत गंभीर बात है।’’

गहलोत ने कहा कि भाजपा ने उनकी सरकार को गिराने का षडयंत्र किया उसका भी आने वाले अगले चुनाव में इस राज्य की जनता बदला लेगी।

उन्होंने कहा,‘‘ हमारी चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश में अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान व जफर इस्लांम तथा राजस्थान में भाजपा के एक केंद्रीय मंत्री सहित उसके चार नेता शामिल थे।’’

गहलोत ने कहा,‘‘ मेरे पास तो सबूत हैं। इन सबने बुला बुलाकर बात की हमारे नेताओं से। गेम बहुत बड़ा था आपकी दुआओं से सरकार मजबूती से उबर कर आई है आपको विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले तीन साल में और मजबूती के साथ काम करेगी।’’

सचिन पायलट के साथ हुए विवाद संबंधी एक सवाल पर गहलोत ने कहा,‘‘ मैंने तब भी कहा था कि फारगेट एंड फोरगिव ... भूलो और माफ करो। यह बात तो सबको समझने वाली है जो ना समझे वह अनाड़ी है। मैंने दिल से कहा है फारगेट एंड फारगिव। इसका मतलब अगर मैंने कोई गलती की है तो भूलो और माफ करो। उसका मतलब यह भी होता है। इससे बड़ी बात क्या होगी।’’

किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,‘‘ भारत सरकार को समझना चाहिए कि किसान सर्दी में बैठे हैं, लेकिन उसे परवाह ही नहीं है, इतनी संवेदनहीनता नहीं होनी चाहिए। प्रतिष्ठा तो जनता की होती है, जनता की प्रतिष्ठा कायम रहेगी तो नेता की प्रतिष्ठा कायम रहेगी, सरकार की प्रतिष्ठा कायम रहेगी। आज जनता की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।’’

गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कभी मध्य प्रदेश तो किसी अन्य राज्य के किसानों से बात करने के बजाय देश के किसानों से बात करनी चाहिए और उन्हें अपने कृषि विधेयकों के बारे में समझाना चाहिए।

गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने चुनावी वादे के अनुसार किसानों के कर्ज माफ कर दिए। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य सरकार ने सहकारी व भूमि विकास बैंकों से किसानों के कर्ज माफ कर दिए लेकिन राष्‍ट्रीयकृत बैंक भारत सरकार व रिजर्व बैंक के अधीन आते हैं इसलिए केंद्र को इस बारे में फैसला करना चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार इस बारे में पहल क्‍यों नहीं करती। गहलोत ने राज्य में बजरी के अवैध धंधे पर चिंता जताई और उम्मीद जताई कि इसका जल्द ही कोई कानूनी समाधान निकलेगा।

मुख्‍यमंत्री ने कहा,’ केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों में हमने जनहित जो संशोधन किये उसे भारत सरकार को समझना चाहिए। केंद्र द्वारा बनाये गये कृषि कानूनों में तीन संशोधन विधेयक, पांच एकड़ तक जमीन वाले किसानों की जमीन को कुर्की से बचाने वाले विधेयक को राज्यपाल आगे भेज ही नहीं रहे हैं।’’’

इसके साथ ही उन्‍होंने कहा,‘‘ मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग पर हमने जो कानून बनाए थे उनको राष्ट्रपति मंजूर नहीं कर रहे हैं क्योंकि भारत सरकार नहीं चाहती होगी।’’

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