बाराबंकी (उत्तर प्रदेश), 22 फरवरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने मुस्लिम बेटियों की पीड़ा को समझते हुए तीन तलाक रोधी कानून बनाया है; ‘‘ वह परिवार वाले भले नहीं हैं लेकिन हर परिवार के दर्द को समझते हैं.’’ मोदी ने बाराबंकी में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित एक जनसभा में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए उनका नाम लिए बगैर कहा, "जो दावा करते हैं कि वह तो परिवार वाले हैं मगर उन्हें तीन तलाक पीड़िताओं का दर्द क्यों नहीं दिखा. मेरी मुस्लिम बहनों, बेटियों को छोटे-छोटे बच्चे लेकर पिता के घर लौटना पड़ता था, तब तुम्हें परिवार का दर्द क्यों समझ नहीं आया. हम परिवार वाले नहीं हैं लेकिन हर परिवार के दर्द को पहचानते हैं."
उन्होंने आरोप लगाया कि घोर परिवारवादी लोगों ने वोट बैंक की वजह से मुस्लिम बेटियों के जीवन की पहाड़ जैसी दिक्कतों को देखने की भी फुर्सत नहीं निकाली. उन्होंने कहा कि यह हमारी ही सरकार है जिसने इन मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के कुचक्र से मुक्त किया है. मोदी ने कहा कि माता-पिता और भाई बड़े अरमानों के साथ बेटी की शादी कर उसे विदा करते हैं लेकिन वही बेटी पांच 10 साल बाद तीन तलाक सुनकर घर लौट आती है तो आप कल्पना कर सकते हैं कि उस बेटी के मां-बाप और भाई पर क्या बीतती होगी. उन्होंने कहा, ‘‘तुम परिवार वाले हो अरे तुम्हें तो इस दर्द का पता चलना चाहिए था लेकिन तुम्हें नहीं पता चला क्योंकि तुम्हें सिर्फ बैलट बॉक्स ही दिखता है, तुम्हें किसी की जिंदगी नहीं दिखती." गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले दिनों बिजनौर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान परिवारवाद के आरोप पर मोदी को जवाब देते हुए कहा था कि जिनके पास परिवार होता है वे ही एक परिवार का दर्द समझ सकते हैं. यह भी पढ़ें : प्रधानमत्री ने समय पर केंद्रीय योजनाओं, वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के क्रियान्वयन पर दिया जोर
प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों पर उत्तर प्रदेश के सामर्थ्य के साथ इंसाफ नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा, "उत्तर प्रदेश में इतने दशकों तक जिन घोर परिवारवादियों की सरकारें रहीं उन्होंने उत्तर प्रदेश के सामर्थ्य के साथ इंसाफ नहीं किया. इन परिवारवादियों ने उत्तर प्रदेश के लोगों को कभी खुलकर अपना सामर्थ्य दिखाने का अवसर ही नहीं दिया." उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का सामर्थ्य बढ़ाने में यहां की 10 करोड़ से अधिक हमारी बहनों और बेटियों की बहुत बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि अगर हमारी बेटियां बंधन में रहेंगी, उनका जीवन अगर मुसीबतों से भरा रहेगा तो उत्तर प्रदेश तेज विकास की गति प्राप्त नहीं कर सकता. मोदी ने कहा कि हमारी बहनों और बेटियों की समस्याओं को इन लोगों ने छोटा समझा, मगर हमने इन्हें छोटा नहीं समझा, इन्हें सशक्त करना हमारे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है फिर चाहे घरों में शौचालय हो, गैस कनेक्शन हो बिजली, पानी का कनेक्शन हो.
मोदी ने दावा करते हुए कहा कि जितनी सुविधाएं हमने बहनों को दी हैं यह किसी की जाति या मजहब देखकर नहीं दी है. उन्होंने कहा कि अगर इन योजनाओं का सबसे अधिक फायदा किसी को मिला है तो हमारी दलित माताओं, बहनों, पिछड़े समाज की माताओं बहनों और मुस्लिम समाज के बहनों को मिला है. उन्होंने दावा किया कि पांच साल पहले उत्तर प्रदेश में करीब 11,000 महिला पुलिसकर्मी थीं जबकि गत पांच साल में ही भाजपा सरकार ने लगभग 20,000 नई बेटियों को भर्ती दी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ पुलिस में ही नहीं बल्कि सीआरपीएफ और बीएसएफ जैसे अर्धसैनिक बलों तथा सेना में भी बेटियों की भागीदारी का विस्तार किया जा रहा है.