Paris Paralympics 2024: नतीजे के बजाय अपने विचारों पर ध्यान दे रही थी- अवनि लेखरा
अवनि लेखरा (Photo Credits: Twitter)

Paris Paralympics 2024: ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय पैरा निशानेबाज अवनि लेखरा का ध्यान पेरिस पैरालंपिक में और अधिक पदक जीतने पर लगा है और उनका कहना है कि वह अपनी बची हुई दो स्पर्धाओं में भी पोडियम पर आना चाहती हैं. अवनि शुक्रवार को महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) निशानेबाजी स्पर्धा लगातार दो पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गईं.तीन साल पहले तोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली 22 वर्षीय अवनि ने शानदार 249.7 अंक हासिल कर तीन साल पहले के अपने ही पैरालम्पिक रिकॉर्ड 249.6 को तोड़ दिया.

अवनि ने ऐतिहासिक जीत के बाद कहा, ‘‘यह बहुत करीबी फाइनल था. पहले, दूसरे और तीसरे स्थान के लिए बहुत कम अंतर था. लेकिन मैं नतीजों के बजाय अपने विचारों पर ध्यान लगा रही थी.’’ इस चैम्पियन निशानेबाज ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि इस बार भी एरीना में बजने वाला पहला राष्ट्रगान भारत का राष्ट्रगान था. मुझे अभी दो और स्पर्धाओं में हिस्सा लेना है इसलिए मैं देश के लिए और पदक जीतने पर ध्यान लगाये हूं.’’ वहीं अवनि के साथ कांस्य पदक जीतने वाली मोना अग्रवाल ने कहा, ‘‘काफी मुश्किल था लेकिन मैं सफल रही. इसलिये शुक्रिया. अवनि के साथ रहने निश्चित रूप से मदद की. वह एक चैम्पियन हैं और वह मुझे प्रेरित करती हैं. ’’ यह भी पढ़ें: Who Is Avani Lekhara: कौन हैं अवनि लेखरा? 11 साल की उम्र में हुए एक्सीडेंट ने बदल दी जिंदगी; पैरालंपिक में 2 गोल्ड मेडल जीत रचा इतिहास

मोना (37 वर्ष) ने निशानेबाजी से पहले गोला फेंक, पावरलिफ्टिंग और व्हीलचेयर वॉलीबॉल सहित कई खेलों में हाथ आजमाया था. वह 228.7 अंक से कांस्य पदक जीतने में सफल रहीं. भारत के पैरालंपिक इतिहास में यह पहली बार है कि दो निशानेबाजों ने एक ही स्पर्धा में पदक जीते हैं.

एसएच 1 वर्ग में वे खिलाड़ी होते हैं जिनकी बाजुओं, कमर के निचले हिस्से , पैरों में विकृति होती है या उनकी बाजू नहीं होती है.

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