चेन्नई, 17 सितंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलई की द्रविड़ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत सी एन अन्नादुरई पर हालिया टिप्पणी को लेकर उनके तथा अन्ना द्रमुक नेताओं के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है।
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के वरिष्ठ नेता सी वी षणमुगम ने कहा कि अन्नामलई ने जानबूझकर अन्ना का ‘‘अपमान’’ किया और उन्होंने भाजपा नेता पर राजनीति की दुनिया में उनके अनुभव और अन्ना के जीवन तथा काल के उनके ज्ञान पर सवाल उठाया।
द्रमुक संस्थापक अन्नादुरई (1909-1969) को अन्ना (बड़ा भाई) के नाम से भी जाना जाता है।
हिंदू धर्म और धर्मार्थ बंदोबस्ती मंत्री पी के शेखर बाबू के यहां ‘सनातन धर्म’ के उन्मूलन संबंधी एक कार्यक्रम में भाग लेने को लेकर 11 सितंबर को उनके खिलाफ एक प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए अन्नामलई ने अन्नादुरई पर कथित टिप्पणी की थी।
भाजपा नेता ने कहा कि अन्ना ने 1950 में मदुरै में एक कार्यक्रम में हिंदू धर्म के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी की थी और स्वतत्रंता सेनानी पसुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर ने इसका कड़ा विरोध किया था।
षणमुगम ने कहा कि अन्नामलई ने जो कहा है उसका कोई सबूत या आधार नहीं है और भाजपा नेता को अन्ना पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।
रविवार को कोयंबटूर में पत्रकारों से अन्नामलई ने पूछा कि उन्होंने अन्ना के बारे में जो कहा था, क्या वह गलत था। उन्होंने कहा कि वह सनातन धर्म और तमिल संस्कृति को बचाने के लिए राजनीति में हैं।
पूर्व मंत्री षणमुगम ने कहा कि अन्नामलई ने अन्ना द्रमुक और भाजपा के गठबंधन में रहते हुए द्रविड़ नेता की आलोचना की है जिससे यह संदेह पैदा हुआ कि उनका कोई गुप्त उद्देश्य हो सकता है। उन्होंने पूछा कि क्या अन्नामलई ‘‘द्रमुक से हाथ मिलाकर’’ यह नहीं चाहते कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव जीते।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘आपका क्या उद्देश्य है?’’ उन्होंने कहा कि भाजपा नेता ने अन्ना की आलोचना की है और महीनों पहले अन्नाद्रमुक की पूर्व प्रमुख दिवंगत जे जयललिता को भी निशाना बनाया था।
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