कोच्चि/नयी दिल्ली, 11 नवंबर केरल के मुनंबम और अन्य हिस्सों में भूमि पर वक्फ बोर्ड का दावा राज्य में उपचुनावों के प्रचार में एक बड़ा मुद्दा बनने के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र ने सोमवार को प्रभावित लोगों को ‘‘पूर्ण न्याय’’ का आश्वासन दिया, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत राज्य सरकार ने आश्वासन दिया कि किसी को भी उसकी जमीन से बेदखल नहीं किया जाएगा।
भूमि विवाद का सामना कर रहे मुनंबम के निवासियों द्वारा चर्च समर्थित विरोध प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया, जिसने केंद्र सरकार द्वारा वक्फ अधिनियम में संशोधन के लिए लाए गए संशोधनों का विरोध किया है।
रीजीजू ने कांग्रेस से आग्रह किया कि वह ‘‘मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में देखना बंद करे और हर समुदाय के लिए काम करे।’’
वायनाड लोकसभा सीट और तथा चेलाक्कारा एवं पलक्कड़ विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के प्रचार में यह एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरा है। कांग्रेस ने सोमवार को वाम दलों और भाजपा दोनों पर निशाना साधते हुए उन पर इस मुद्दे का लाभ उठाने का आरोप लगाया।
यह घटनाक्रम मुनंबम में वक्फ भूमि के दावों को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के तेज होने के बाद हुआ है, जहां सिरो-मालाबार चर्च ने रविवार को 1,000 चर्चों में एकजुटता कार्यक्रम आयोजित किए।
केरल में मुनंबम भूमि मामले में भाजपा नेताओं राजीव चंद्रशेखर और शोने जॉर्ज से एक ज्ञापन प्राप्त करने के बाद रीजीजू ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मुनंबम में लगभग 600 परिवारों से भूमि का दावा करने के बाद, वक्फ अब कन्नूर में थालीपरम्बा शहर के स्वामित्व का दावा कर रहा है, जिसमें शहर के केंद्र में 600 एकड़ भूमि भी शामिल है। मैंने पूर्ण न्याय का आश्वासन दिया है।’’
वक्फ विधेयक के खिलाफ प्रभावशाली कैथोलिक चर्च द्वारा समर्थित निवासियों द्वारा राज्य में जारी विरोध प्रदर्शन के बारे में मीडिया खबरों का हवाला देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अब, मुझे उम्मीद है कि राहुल गांधी को सद्बुद्धि आएगी और वे ईसाई समुदाय की अपील सुनेंगे। कांग्रेस पार्टी को मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में देखना बंद करना चाहिए और हर समुदाय के लिए काम करना चाहिए।’’
चेराई और मुनंबम के निवासियों का आरोप है कि ‘‘वक्फ बोर्ड उनकी भूमि और संपत्ति पर अवैध रूप से दावा कर रहा है’, जबकि निवासियों के पास पंजीकृत दस्तावेज और भूमि कर रसीदें हैं।
कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने हाल ही में राज्य विधानसभा में भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध करते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जो मौजूदा वक्फ कानून के प्रावधानों को चुनौती देता है।
चर्च का दावा है कि चेराई और मुनंबम में जो संपत्तियों पीढ़ियों से ईसाई परिवारों के पास हैं, उन पर मौजूदा अधिनियम के प्रावधानों के तहत वक्फ बोर्ड द्वारा "अवैध रूप से दावा" किया गया है।
हाल ही में, सिरो-मालाबार चर्च द्वारा समर्थित एक दैनिक अखबार ‘दीपिका’ ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और माकपा के नेतृत्व वाले एलडीएफ की आलोचना करते हुए एक संपादकीय प्रकाशित किया था, जिसमें उन पर ‘‘प्रभावित लोगों के संघर्षों को स्वीकार किए बिना वक्फ कानून की रक्षा के लिए’’ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने का आरोप लगाया गया।
इस बीच एर्णाकुलम जिले के मुनंबम गांव के प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से वक्फ बोर्ड के साथ जारी भूमि विवाद का स्थायी समाधान निकालने का आग्रह किया। प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन 30वें दिन में प्रवेश कर गया है।
कोट्टापुरम डायोसिस के बिशप एम्ब्रोस पुथेनवीटिल और मुनंबम भू संरक्षण समिति के संयोजक जोसेफ बेनी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से उनके कोच्चि दौरे के दौरान मुलाकात की।
बैठक के बाद जोसेफ बेनी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने हमें बताया कि सरकार स्थायी समाधान पर काम कर रही है। हमें 22 नवंबर को होने वाली उच्च स्तरीय समिति की बैठक के बाद अनुकूल परिणाम की उम्मीद है।’’
हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनका क्रमिक अनशन जारी रहेगा।
एक प्रदर्शनकारी नेता ने कहा, ‘‘हम मुनंबम में वेलंकन्नी चर्च के सामने शांतिपूर्वक हड़ताल कर रहे हैं और जब तक कोई स्थायी समाधान नहीं हो जाता, हम इसे जारी रखेंगे।’’
मुनंबम भू संरक्षण समिति के सदस्यों ने चेतावनी दी कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन करेंगे।
उद्योग एवं कानून मंत्री पी राजीव और वायपिन विधायक के एन उन्नीकृष्णन भी वार्ता में शामिल हुए। बैठक के बाद मंत्री पी राजीव ने कहा, ‘‘सरकार किसी को बेदखल नहीं करेगी; हम एक स्थायी समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि पहले निर्धारित एक उच्च स्तरीय बैठक को राज्य उपचुनावों के कारण 22 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के सुधाकरन ने कहा कि मुनंबम मुद्दे का इस्तेमाल सरकार और भाजपा दोनों ही इस मुद्दे का लाभ उठाने का प्रयास कर रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मुद्दा कई महीनों से बना हुआ है इसके बावजूद, राज्य सरकार ने इसे हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जब इस मुद्दे ने ध्यान आकर्षित करना शुरू किया, तभी सरकार ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाने का फैसला किया।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह मुनंबम में स्थानीय निवासियों के साथ खड़ी है। सुधाकरन ने कहा, "मुस्लिम लीग सहित यूडीएफ घटकों का रुख भी यही है।"
केंद्र सरकार ने कहा है कि 8 अगस्त, 2024 को लोकसभा में पेश किए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य मौजूदा अधिनियम की कमियों को दूर करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है।
हालांकि, कांग्रेस ने विधेयक का विरोध करते हुए आरोप लगाया है कि इसका उद्देश्य चुनावों का ध्रुवीकरण करना है। यह विधेयक फिलहाल संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के विचाराधीन है।
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