वक्फ संशोधन विधेयक जनजातीय अधिकारों और उनके हितों की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण: विष्णु देव साय

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वक्फ (संशोधन) विधेयक के पारित होने पर बधाई दी है और कहा कि यह विधेयक जनजातीय अधिकारों और उनके हितों की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है.

Vishnu Dev Sai (img: tw)

रायपुर, 4 अप्रैल : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वक्फ (संशोधन) विधेयक के पारित होने पर बधाई दी है और कहा कि यह विधेयक जनजातीय अधिकारों और उनके हितों की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है. साय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘वक्फ संशोधन विधेयक के दोनों सदनों से पारित होने पर बधाई. यह विधेयक जनजातीय अधिकारों और उनके हितों की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है. इसमें यह प्रावधान किया गया है कि 5वीं और 6वीं अनुसूची के क्षेत्रों में किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित नहीं किया जा सकेगा. इससे आदिवासी भूमि पर अवैध कब्जों पर प्रभावी रोक लगेगी और जनजातीय संस्कृति को संरक्षण मिलेगा.’’ मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया.

उन्होंने कहा, ‘‘विधेयक पर विपक्ष ने लगातार मुस्लिम समुदाय को भ्रमित करने का प्रयास किया है. यह अत्यंत निंदनीय है. वास्तव में यह विधेयक किसी धर्म के विरुद्ध नहीं, बल्कि न्याय और समानता के मूल्यों को मजबूत करने वाला है. यह गरीब अल्पसंख्यकों के हित में है.’’ साय ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक पारदर्शिता, जवाबदेही और सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक पहल है. उन्होंने कहा, ‘‘यह विधेयक भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती का प्रमाण है. जिस प्रकार से इस विधेयक पर व्यापक चर्चा हुई है, वह हमारे संसदीय विमर्श की परिपक्वता को दर्शाता है.’’ यह भी पढ़ें :Manoj Kumar Passes Away: मनोज कुमार के निधन पर शोक में डूबा बॉलीवुड; अक्षय कुमार ने जताया दुख, विवेक अग्निहोत्री बोले- उनके जैसे कलाकार कभी मरते नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वक्फ कानून में संशोधन इसकी संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. इस विधेयक का उद्देश्य धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुधार और न्यायिक पारदर्शिता सुनिश्चित करना है.’’ बुधवार को लोकसभा में पास होने के बाद बृहस्पतिवार को राज्यसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को लंबी चर्चा के बाद 95 के मुकाबले 128 मतों से मंजूरी दे दी. उच्च सदन में इन दोनों विधेयकों को देर रात दो बजकर 37 मिनट पर पारित किया गया.

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