मुंबई, 21 दिसंबर महाराष्ट्र में 32 जिलों की 102 नगर पंचायतों के लिए मंगलवार को मतदान हो रहा है। यह चुनाव अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण का प्रावधान किए बिना हो रहा है।
बीड की नगर पंचायत सीटों पर भाजपा नेता पंकजा मुंडे और उनके चचेरे भाई एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राज्य मंत्री धनंजय मुंडे के समर्थकों के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है।
इसी तरह, सिंधुदुर्ग में शिवसना के समर्थकों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे के बीच भी ऐसा ही मुकाबला है।
महाराष्ट्र में विपक्षी दल भाजपा ने इस महीने की शुरुआत में हुए राज्य विधान परिषद चुनाव में छह में से चार सीटों पर जीत दर्ज की थी।
महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने पिछले सप्ताह कहा था कि ओबीसी आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों के स्थानीय निकायों के लिए चुनाव, जो मंगलवार को होने वाले थे, अब 18 जनवरी को होंगे और आरक्षित सीटों को सामान्य श्रेणी की सीटों में तब्दील कर दिया गया जाएगा। उच्चतम न्यायालय के इस संबंध में दिए फैसले के दो दिन बाद यह घोषणा की गई थी।
राज्य चुनाव आयुक्त यूपीएस मदान ने कहा था कि इन स्थानीय निकायों में सामान्य, अनूसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) सीटों के लिए चुनाव 21 दिसंबर को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होंगे।
राज्य सरकार चाहती थी कि एसईसी ओबीसी राजनीतिक आरक्षण बहाल होने तक सभी स्थानीय निकाय चुनावों पर रोक लगा दे।
उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र एसईसी को ओबीसी के लिए आरक्षित स्थानीय निकायों में 27 प्रतिशत सीटों को सामान्य श्रेणी के रूप में अधिसूचित करने का निर्देश दिया था, ताकि चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।
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