देश की खबरें | वीवो धनशोधन मामला: दिल्ली की अदालत 13 दिसंबर को आरोपपत्र पर संज्ञान लेने पर विचार करेगी

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नयी दिल्ली, सात दिसंबर दिल्ली की एक अदालत धनशोधन मामले में चीनी स्मार्टफोन विनिर्माता वीवो-इंडिया और अन्य के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बारे में 13 दिसंबर को विचार करेगी।

आरोपपत्र विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता की अदालत के समक्ष धनशोधन निवारण अधिनियम की आपराधिक धारा के तहत दाखिल किए गए हैं। न्यायाधीश ने मामले पर विचार के लिए 13 दिसंबर की तारीख निर्धारित की।

सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वीवो-इंडिया पर देश में एक जटिल नेटवर्क स्थापित करने और उसके माध्यम से केंद्र सरकार को धोखा देने का आरोप लगाया है।

चार व्यक्तियों-लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक हरिओम राय, चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ ​​एंड्रयू कुआंग और चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग तथा राजन मलिक- को आरोपित किया गया है। फिलहाल सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।

राय की ओर से बृहस्पतिवार को अदालत में पेश हुए वकील नितेश राणा ने मामले को ‘मूर्खतपूर्ण’ करार दिया और कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

ईडी ने दावा किया कि चारों आरोपियों की कथित गतिविधियों ने वीवो-इंडिया को गलत तरीके से लाभ कमाने में सक्षम बनाया जो देश की आर्थिक संप्रभुता के लिए हानिकारक है।

ईडी ने आरोप लगाया है कि भारत में करों के भुगतान से बचने के लिए वीवो ने ‘‘अवैध रूप से’’ 62,476 करोड़ रुपये चीन भेजे। वहीं कंपनी ने कहा कि ‘‘ वह अपने नैतिक सिद्धांतों का कड़ाई से पालन करती है और कानूनी बाध्यताओं पर कायम है।’’

राय ने हाल ही में यहां एक अदालत को बताया था कि हालांकि उनकी कंपनी और वीवो-इंडिया एक दशक पहले भारत में एक संयुक्त उपक्रम शुरू करने के लिए बातचीत कर रहे थे, लेकिन 2014 के बाद से उनका चीनी कंपनी या उसके प्रतिनिधियों से कोई संबंध नहीं है।

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