जरुरी जानकारी | मुश्किल समय में बौद्धिक संपदा अधिकार समझौते से ढील पर फैसला काफी महत्वपूर्ण: भारत

नयी दिल्ली, चार अगस्त भारत ने कहा है कि कोविड-19 से निपटने के लिए व्यापार संबंधित पहलुओं पर बौद्धिक संपदा अधिकार समझौते (ट्रिप्स) के कुछ प्रावधानों में अस्थायी तौर पर ढील देने को लेकर डब्ल्यूटीओ में ‘महत्वपूर्ण’ प्रस्ताव पर फैसला इस मुश्किल समय में इस बहुपक्षीय संगठन की प्रासंगिकता के लिए "काफी महत्वपूर्ण" है।

गौरतलब है कि अक्टूबर 2020 में, भारत और दक्षिण अफ्रीका ने कोविड-19 की रोकथाम को लेकर ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों के कार्यान्वयन पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सभी सदस्यों के लिए रियायत देने का पहला प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।

इस साल मई में, भारत, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया सहित 62 सह-प्रायोजकों ने एक संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।

ट्रिप्स समझौता जनवरी 1995 में लागू हुआ था। यह बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकारों जैसे कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, पेटेंट और अघोषित जानकारी या व्यापार गोपनीयता की सुरक्षा पर एक बहुपक्षीय समझौता है।

भारत के 27-28 जुलाई को आयोजित महापरिषद की एक बैठक में दिए गए एक बयान के अनुसार, कुछ सदस्यों ने नियम आधारित मसौदे पर बातचीत में शामिल होने से इनकार कर दिया है। और उन कुछ डब्ल्यूटीओ सदस्यों ने यह सुनिश्चित किया है कि संगठन जुलाई के अंत तक प्रस्ताव पर अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने को लेकर ट्रिप्स परिषद अध्यक्ष द्वारा निर्धारित समय सीमा को पूरा न कर पाए।

भारत ने कहा, "प्रस्तावित छूट प्रासंगिक ट्रिप्स नियमों के अस्थायी निलंबन को सक्षम करेगी और दुनिया भर के निर्माताओं को टीकों के उत्पादन को संचालित करने और उसे बढ़ाने की स्वतंत्रता प्रदान करेगी। इस प्रकार, यह महामारी से निपटने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण का एक जरूरी हिस्सा है।"

भारत ने कहा, "यह सही समय है जब यह संगठन अन्य सभी प्राथमिकताओं पर मानव जीवन और आजीविका को बचाने को तरजीह दे। यह कहने की जरूरत नहीं है कि इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर फैसला मुश्किल के इस समय में इस संगठन की प्रासंगिकता के लिए काफी महत्वपूर्ण है।"

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