चुनाव के ऐलान से ठीक पहले हटाए गए पंजाब के DGP, वीके भावरा बनें नए डीजीपी

1987 बैच के आईपीएस अधिकारी वीके भावरा VK Bhawra New (DGP) पंजाब के नए डीजीपी बने हैं. पंजाब सरकार (Punjab Government) की ओर से यूपीएससी पैनल को भेजे गए नामों की सूची में उनका नाम सबसे ऊपर था.

पंजाब के नए डीजीपी वीके भावरा (Photo : Twitter)

चंडीगढ़, 8 जनवरी : भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी वीरेश कुमार भावरा (VK Bhawra) को पंजाब पुलिस (Punjab Police) का नया महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया गया है. पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा से कुछ घंटों पहले यह आदेश आया है. UP-पंजाब समेत 5 राज्यों की चुनाव तारीखों का ऐलान, 10 मार्च को आएंगे नतीजे

पंजाब होम गार्ड्स के डीजीपी रहे भावरा ने डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय का स्थान लिया है. चट्टोपोध्याय के साथ 13 अन्य पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी शुक्रवार को फिरोजपुर में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के समक्ष पेश हुए.

यह समिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर दौरे के दौरान सुरक्षा में हुई ‘‘गंभीर चूक’’ की जांच कर रही है. चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली सरकार ने 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी को उन तीन अधिकारियों की सूची में से चुना जो संघ लोक सेवा आयोग द्वारा दी गई थी.

आदेश में कहा गया है, ‘‘यूपीएससी द्वारा भेजी गयी सूची पर विचार करने के बाद पंजाब के राज्यपाल ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक (पुलिस बल के प्रमुख) के तौर पर आईपीएस विरेश कुमार भावरा की नियुक्ति की है.’’ आदेश में कहा गया कि भावरा का कार्यकाल न्यूनतम दो वर्ष का होगा.

पंजाब में 3 महीनों में तीसरे डीजीपी की नियुक्ति की गई है. कुछ दिनों पहले यूपीएससी ने तीन आईपीएस अधिकारियों - दिनकर गुप्ता, वी के भावरा और प्रबोध कुमार के नामों की सूची पंजाब के पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति के लिए भेजी थी.

उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुसार, यूपीएससी द्वारा चुने गए तीन आईपीएस अधिकारियों में से राज्य सरकार को नियमित डीजीपी के पद पर एक अधिकारी का नाम तय करना होता है. पंजाब सरकार ने 3 अधिकारियों की सूची के चयन के लिए सिद्धार्थ चट्टापोध्याय समेत 10 आईपीएस अधिकारियों की सूची भेजी थी. उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुसार, जिस अधिकारी के सेवा के कम से कम 6 महीने बचे रहते हैं उनके नाम पर डीजीपी के पद के लिए विचार किया जा सकता है.

चन्नी के पिछले साल सितंबर में पंजाब के नए मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार संभालने के बाद 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को डीजीपी नियुक्त किया गया था, लेकिन कांग्रेस की पंजाब ईकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू सहोता की नियुक्ति के खिलाफ थे. दबाव के बाद राज्य सरकार ने 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को डीजीपी नियुक्त किया था.

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