बल्लारी (कर्नाटक), 20 जुलाई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने एक सरकारी निगम में 187 करोड़ रुपये के कथित घोटाले को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग की।
उन्होंने कहा कि घोटाले तभी हो सकते हैं जब कोई अयोग्य मुख्यमंत्री हो या फिर उसकी मौखिक सहमति हो।
कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में 187 करोड़ रुपये के गबन का जिक्र करते हुए विजयेंद्र ने कहा कि घोटालेबाजों ने न केवल करदाताओं की गाढ़ी कमाई का आनंद लिया, बल्कि उन्होंने बेल्लारी में लोकसभा चुनाव के दौरान इसे खूब लुटाया।
उन्होंने कहा कि जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि धन का उपयोग अन्य राज्यों में भी किया गया तो क्या इसके लिए केवल अधिकारियों को ही जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
विजयेंद्र ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस घोटाले के सिलसिले में आपको इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि आपके पास वित्त मंत्रालय है। यह संभव नहीं है कि वित्त विभाग को अपने खातों से विभिन्न व्यक्तियों के खातों में धन के हस्तांतरण के बारे में पता न हो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपने (सिद्धरमैया) कहा था कि आप भाजपा सरकार के घोटालों की जांच करेंगे। आपको कौन रोक रहा है? लेकिन, आपको पहले हमारे सवालों का जवाब देना चाहिए।’’
कथित घोटाला तब प्रकाश में आया जब निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली।
सुसाइड नोट में चंद्रशेखरन ने आरोप लगाया कि निगम की 187 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न खातों में अवैध रूप से स्थानांतरित की गई।
इसके बाद, कांग्रेस सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसने अब तक इस सिलसिले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भी मामले की जांच कर रहा है।
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