देहरादून, 16 जुलाई कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका के चलते कांवड यात्रा स्थगित कर दी गई है और इसके मद्देनजर 24 जुलाई से उत्तराखंड की सीमाएं कांवडियों के लिए सील कर दी जाएंगी।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने शुक्रवार को कहा कि कांवडियों को राज्य की सीमा में प्रवेश करने से रोकने के लिए अन्य राज्यों से लगने वाली प्रदेश की सीमाएं 24 जुलाई से सील कर दी जाएंगी। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि इस दौरान अन्य लोगों के लिए आने जाने पर कोई रोक नहीं होगी।
श्रावण माह में शिवभक्त कांवडिए गंगा जल लेने के लिए हरिद्वार आना शुरू कर देते हैं, लेकिन कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर के चलते प्रदेश सरकार ने कांवड यात्रा स्थगित कर दी है जिसके मद्देनजर कांवडियों को प्रदेश की सीमाओं पर ही रोक दिया जाएगा। इस साल 25 जुलाई से श्रावण का महीना शुरू हो रहा है।
पुलिस महानिदेशक ने सभी संबंधित पुलिस अधिकारियों को इस आदेश को पूरी तरह से लागू करने के निर्देश दिए और कहा कि अगर कोई कांवडिया हरिद्वार में प्रवेश करता है तो उसे 14 दिन के लिए पृथकवास में रखा जाए और उसके लिए स्थान चिह्नित कर लिए जाएं।
उन्होंने पुलिस अधिकारियों को इस संबंध में संबंधित जिलाधिकारियों के साथ एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) तैयार करने के भी निर्देश दिए।
कुमार ने कहा कि यदि कोई कांवडिया सडक पर दिखाई दे तो उसे बस या अन्य माध्यम से वापस भिजवाया जाए तथा हरिद्वार, देहरादून, टिहरी एंव पौड़ी जिलों में कांवड प्रवर्तन दल का गठन किया जाए जो प्रतिबंधित कांवड मेले के दौरान गश्त करते हुए कानून- व्यवस्था को बनाए रखें।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि रेलगाडियों से आने वाले कावडियां को रोकने हेतु हरिद्वार से पहले पड़ने वाले रेलवे स्टेशनों पर उन्हें रोककर उतारा जाएगा और उन्हें वहीं से शटल बसों के माध्यम से वापस किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हरिद्वार में सीमावर्ती थानों के साथ संबंधित पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की जाए जिसमें अन्य राज्यों की सीमा से लगे जिलों के परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों को आमंत्रित किया जाए और बैठक में संयुक्त रूप से टैंकरों के माध्यम से गंगाजल भेजे जाने पर विचार किया जाए।
कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को कांवड यात्रा स्थगित करने की घोषणा की थी। कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के दौरान हरिद्वार कुंभ को लेकर प्रदेश सरकार को खासी किरकिरी झेलनी पड़ी थी और माना जा रहा है कि अगले साल की शुरूआत में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार ने कांवड यात्रा को स्थगित करना ही उचित समझा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)