वाशिंगटन, 22 जून अमेरिका नवीकरणीय एच-1बी वीजा की शुरूआत करने वाला है और यह महत्वपूर्ण फैसला देश में रह रहे हजारों भारतीय पेशेवरों को यहां ठहरने में मदद करेगा तथा उन्हें अपने ‘कार्य वीजा’ के नवीनीकरण के लिए स्वदेश की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।
अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच बृहस्पतिवार को यहां व्हाइट हाउस में होने वाली द्विपक्षीय बैठक से पहले यह पहल की गई है।
एच-1बी वीजा एक अप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता वाले पेशों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है।
प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर वर्ष हजारों की संख्या में कर्मचारियों को अमेरिका बुलाने के लिए इस पर निर्भर है।
अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने पिछले वर्ष भारतीय छात्रों को सवा लाख वीजा जारी किया था, जो कि एक रिकार्ड है और पिछले वर्ष इस संख्या में 20 प्रतिशत वृद्धि होने के साथ अमेरिका में सर्वाधिक संख्या वाले विदेशी छात्र समुदाय बनने की दिशा में वे आगे बढ़ रहे हैं।
बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘दूसरी चीज यह है कि अमेरिकी विदेश विभाग इस वर्ष के अंत में कुछ खास तरह के अस्थायी वर्क वीजा के अमेरिका में नवीनीकरण करने की शुरूआत करने वाला है। इसमें, एच-1 और एल वीजा धारकों की विस्तारित संख्या के लिए इसे लागू करने के इरादे के साथ भारतीय नागरिकों को भी शामिल किया जाएगा।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह भारत में लोगों के लिए, अमेरिका में लोगों के लिए, हमारे कारोबारों के लिए सचमुच में अच्छा है।’’
उल्लेखनीय है कि 2004 तक, कुछ खास श्रेणियों के अप्रवासी वीजा, खासतौर पर एच-1बी, का अमेरिका के अंदर ही नवीनीकरण किया जा सकता था। इसके बाद, एच-1बी वीजा धारक विदेशी प्रौद्योगिकी श्रमिकों को अपने पासपोर्ट पर एच-1बी की अवधि बढ़ाये जाने का मुहर लगवाने के लिए स्वदेश जाना पड़ता है।
एच-1बी वीजा एक बार में तीन वर्ष की अवधि के लिए जारी किया जाता है।
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