व्हाइट हाउस, अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पिछले महीने रूस को संधि से बाहर करने के बाद भी अमेरिका ने उसे यह जानकारी प्रदान करना जारी रखने की पेशकश की थी, लेकिन रूस ने अमेरिका को सूचित किया कि वह अपना डेटा साझा नहीं करेगा।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा, ‘‘ रूस द्वारा संधि के तहत अपने दायित्वों को पूरा न करने के कारण अमेरिका भी रूस को अपना द्विवार्षिक डाटा प्रदान नहीं करेगा।’’
व्हाइट हाउस ने कहा कि रूस का संधि का पालन करने से इनकार करना ‘‘कानूनी रूप से अमान्य’’ है और परमाणु डेटा की जानकारी न देने का फैसला एक और उल्लंघन है।
व्हाइट हाउस ने पहले भी रूस पर कई उल्लंघनों का आरोप लगाया है।
वर्ष 2010 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूस के नेता दिमित्री मेदवेदेव ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत तैनात परमाणु हथियार की सीमा 1,550 से अधिक और तैनात मिसाइलों तथा बमवर्षकों की सीमा 700 तय की गई है। समझौते में अनुपालन की पुष्टि के लिए मौके पर जाकर स्थिति का मुआयना करने का प्रावधान है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण 2020 से ऐसा कोई मुआयना नहीं किया जा सका।
इसे बहाल करने पर नवंबर 2022 में चर्चा की जानी थी, लेकिन यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस ने अचानक इससे हटने की घोषणा कर दी। फरवरी में उसने औपचारिक रूप से संधि समाप्त कर दी थी।
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