अमेरिका ने बौद्धिक संपदा सुरक्षा मामले में भारत को निगरानी की प्राथमिक सूची में रखा
उसका कहना है कि भारत ने कुछ ‘‘लंबे समय से चली आ रही’’ और कुछ ‘‘नई चुनौतियों’’ के मामले में अपने नियम कायदे नहीं बदीले हैं। इनकी वजह से अमेरिकी कंपनियों के बौद्धिक संपदा अधिकार पर वर्षों से बुरा प्रभाव पड़ा है।
वाशिंगटन, 29 अप्रैल अमेरिका ने बौद्धिक संपदा सुरक्षा के मामले में भारत को निगरानी की प्राथमिक सूची में रखा है। अमेरिका ने यह कदम भारत के बौद्धिक संपदा अधिकार की संरक्ष्ण व्यवस्था को लेकर अपनी कुछ पुरानी और कुछ नयी आपत्तियों के आधार पर उठाया हे।
उसका कहना है कि भारत ने कुछ ‘‘लंबे समय से चली आ रही’’ और कुछ ‘‘नई चुनौतियों’’ के मामले में अपने नियम कायदे नहीं बदीले हैं। इनकी वजह से अमेरिकी कंपनियों के बौद्धिक संपदा अधिकार पर वर्षों से बुरा प्रभाव पड़ा है।
अमेरिका ने भारत और चीन सहित अपने प्रमुख व्यापार भागीदारी सहित 10 देशों को इस सूची में रखा है। उसका आरोप है कि इन देशों में बौद्धिक संपदा अधिकारों को लागू करने में कमियां आई हैं और उनके नियम कानून अब भी अपर्याप्त बने हुये हैं। अमेरिका की जो भी कंपनियां अथवा इन अधिकारों के धारक इन देशों के नियमों पर निर्भर हैं उन्हें वहां बाजार में काम करने में समानता का अवसर नहीं मिलता।
ट्रंप प्रशासन के तहत जिन देशों को बाद्धिक संपदा अधिकारों से जुड़े मामलों में निगरानी सूची में रखा गया है उनमें अल्जीरिया, अर्जेंटीना, चिली, चीन, भारत, इंडोनेशिया, रूस, सऊदी अरब, उक्रेन और वेनेजुएला शामिल हैं।
कुवैत को पिछले साल की ऐसी सूची से हटा लिया गया। इसमें 11 देश शामिल थे। वर्ष 2019 में अमेरिका ने कनाडा और थाइलैंड को इस सूची से हटा लियाय था।
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